छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के साथ लोहा लेते वक्त अगवा किए गए सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह उसके चंगुल से छूटकर गुरुवार को अपने घर लौट आए हैं। कोबरा बटालियन राकेश्वर सिंह की घर वापसी के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे और उनके परिजनों से बात की।
इधर, राकेश्वर सिंह को छोड़े जाने की खबर के बाद उनके परिवार ने चैन की सांस ली। बीते वक्त को यादकर राकेश्वर सिंह की पत्नी काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि बीते पिछले छह दिन उनके जीवन की सबसे घड़ी रही। उन्होंने कहा कि राकेश्वर सिंह की वापसी की उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और उन्हें पूरा भरोसा था कि उनके पति जरूर वापस आएंगे।
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राकेश्वर सिंह की पत्नी ने आगे कहा- “मैं उन लोगों को धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने उनके पति को सकुशल रिहाई सुनिश्चित कराया है। उनका ये यादगार लम्हा कभी नहीं भुलूंगी।” उनकी पत्नी ने आगे कहा- सबसे मुश्किल भरा दिन रविवार को रहा जब उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि उनका पति किस हाल में हैं, और जिंदा हैं भी या नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार का भी इस मामले में बहुत सहयोग रहा।
राकेश्वर सिंह की बेटी ने कहा कि मैं यह चाहती हूं कि मेरे पापा जल्द से जल्द घर आ जाएं। राकेश्वर सिंह की मां ने अपने बेटे की रिहाई की खबर सुनने के बाद कहा कि छह दिन काफी मुश्किल भरा उनके लिए रहा। उन्होंने कहा कि आज वे काफी खुश हैं क्योंकि राकेश्वर की रिहाई की खबर मिली है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की सभी की दुआएं लगी है और सरकार ने उनके परिवार के लिए सबकुछ किया।
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गौरतलब है कि 3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों पर हमला कर नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह मनहास को बंधक बना लिया था। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के 22 जवानों शहीद हो गए जबकि 31 अन्य जवान घायल हो गए। शहीद जवानों में CRPF के कोबरा बटालियन के 7 जवान, CRPF के बस्तरिया बटालियन का 1 जवान, डीआरजी के 8 जवान और एसटीएफ के 6 जवान शामिल हैं।