चैत्र मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली नवरात्रि में भगवती दुर्गा का पावन स्वरूप मानी जाने वाली कन्या के पूजन (Kanya Pujan) का बहुत ज्यादा महत्व है. देवी की साधना एवं व्रत रखने वाले कुछ लोग नवरात्रि के 09 दिनों में प्रतिदिन एक कन्या की पूजा करते हैं तो कुछ अष्टमी और नवमी तिथि के दिन एक साथ 09 कन्याओं को पूजते हैं.
नवरात्रि की पूजा में इन दोनों ही तिथियों को बेहद शुभ और फलदायी माना गया है. पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र मास की अष्टमी और नवमी तिथि कब पड़ेगी और इन तिथियों पर नवरात्रि की पूजा पुण्यफल पाने के लिए किस विधि से करना चाहिए कन्याओं का पूजन (Kanya Pujan), आइए इसे विस्तार से जानते हैं.
चैत्र मास की अष्टमी तिथि : पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि 27 मार्च 2023 को सायंकाल 07:02 बजे से प्रारंभ होकर 28 मार्च 2023 को रात्रि 09:07 बजे तक रहेगी.
चैत्र मास की नवमी तिथि : पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि 28 मार्च 2023 को रात्रि 09:08 बजे से प्रारंभ होकर 29 मार्च 2023 को रात्रि 11:30 तक रहेगी. पंचांग के अनुसार नवरात्रि की नवमी तिथि पर कई शुभ योग जैसे गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं.
कन्या पूजन (Kanya Pujan) की सरल विधि
नवरात्रि के 09 दिनों तक व्रत रखने वाले लोग अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार व्रत के आखिरी दिन कन्याओं का विशेष रूप से पूजन (Kanya Pujan) करते हैं. ऐसे में आप अपनी मान्यता या परंपरा के अनुसार अष्टमी या नवमी वाले दिन प्रात:काल स्नान करने के बाद कन्याओं को बड़े आदर के साथ अपने घर में आने के लिए आमंत्रण दें. इसके बाद जब वे घर में आएं तो उनके पैर धोने के बाद एक साफ कपड़े से पोछें और उन्हें आसन पर बिठाएं.
इसके बाद रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प आदि से उनका तिलक एवं पूजन करें. इसके बाद उन्हें पूड़ी, हलवा, चना, फल, आदि का उन्हें भोग लगाएं. जब कन्याएं उस भोग खा लें तो उसके बाद अंत में उन्हें जाते समय अपने सामर्थ्य के अनुसार धन, वस्त्र या उनके काम की कोई दूसरी चीज उपहार में देकर उनसे आशीर्वाद लें. पूजा की इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उन्हें आदर के साथ उनके घर तक या फिर अपने दरवाजे तक जरूर छोड़ने जाएं.