मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने में महाविकास आघाड़ी सरकार की पहली वर्षगांठ पर बीजेपी को खुलेआम चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मैं शांत हूं, संयमी हूं, नामर्द नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह से हमारे परिजनों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए हमला जारी रहा तो हम एक का बदला दस से लेंगे। उन्होंने कहा कि उस रास्ते पर चलने की हमारी इच्छा नहीं है, पर हमें मजबूर मत करो।
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बता दें कि सुशांत सिंह की मौत के प्रकरण में उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे पर निशाना साधा गया था। इसके अलावा, इसी सप्ताह ईडी ने शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के ठिकानों पर रेड मारी थी। साफ है कि शिवसेना प्रमुख इन घटनाक्रमों को लेकर काफी नाराज हैं। शिवसेना को लगता है कि ये कार्रवाईयां महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर करने के लिए की जा रही हैं।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे अपने इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा कि ईडी आदि का दुरुपयोग करके दबाव बनाओगे तो यह मत भूलो कि तुम्हारे भी परिवार और बच्चे हैं। उद्धव ने कहा कि हम में संस्कार है, इसलिए संयम बरत रहे हैं। । ये तरीका महाराष्ट्र का नहीं है। बिल्कुल नहीं है। एक संस्कृति है। हिंदुत्ववादी कहे जाने के बाद एक संस्कृति हैं और आप परिवार पर आओगे, बच्चों पर आने वाले होंगे तो हम पर हमला करने वाले जिस-जिस का परिवार और बच्चे हैं उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि आप का भी परिवार है और बच्चे हैं। आप दूध के धुले नहीं हो। आपकी खिचड़ी कैसे बनानी है ये हम बनाएंगे।’
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सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर हुए घमासान पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं उनकी ओर करुणा भरी नजर से देखता हूं। क्योंकि जिन्हें लाश पर रखे मक्खन बेचने की आवश्यकता पड़ती है, वे राजनीति करने के लायक नहीं हैं। दुर्भाग्य से एक युवक की जान चली गई। उस गई हुई जान पर आप सियासत करते हो? कितने निचले स्तर पर जाते हो? यह विकृति से भी गंदी राजनीति है। जिसे हम मर्द कहते हैं, वह मर्द की तरह लड़ता है। दुर्भाग्य से एक जान चली गई, उस गई हुई जान पर आप राजनीति करते हो? उस पर अलाव जलाकर आप अपनी रोटियां सेंकते हो?… यह आपकी औकात है?’
महाराष्ट्र में सीबीआई की पाबंदी पर उद्धव ने कहा की सीबीआई का दुरुपयोग होने लगे तब ऐसी लगाम लगानी ही पड़ती है। हम नाम देते हैं, हमारे पास नाम हैं। माल-मसाला तैयार है। पूरी तरह से तैयार है मगर बदले की भावना रखनी है क्या? फिर जनता हमसे क्या अपेक्षा रखेगी। बदले की भावना से ही काम करना है तो तुम एक बदला लो हम दस लेंगे।