लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के दृष्टिगत शनिवार को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू देश का एक मात्र संस्थान जिसने 10 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण दर में काफी कमी आयी है, लेकिन संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसके बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखी जाए।
बता दें कि मुख्यमंत्री शनिवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यूके आदि ऐसे देश जहां नया स्ट्रेन मिला है। इन देशों से प्रदेश में आये लोगों को न्यूनतम सात दिन क्वारंटीन किया जाए। संक्रमण के सम्बन्ध में इन व्यक्तियों की जांच भी की जाए।
उन्होंने प्रदेश में वायरोलाॅजी सेन्टर की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसे नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलाॅजी, पुणे की तर्ज पर विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके दृष्टिगत टेस्टिंग कार्य को पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि केजीएमयू, लखनऊ देश का एक मात्र संस्थान है, जिसने 10 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
श्री योगी ने कोरोना वैक्सिनेशन के सम्बन्ध में सभी तैयारियां समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वैक्सिनेशन कार्य के लिए प्रभावी कोल्ड चेन, सुरक्षित स्टोरेज तथा सुगम ट्रांसपोर्टेशन के समस्त प्रबन्ध भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुरूप किए जाएं। उन्होंने कोरोना वैक्सिनेशन के लिए की जा रही कार्यवाही की नियमित माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
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बैठक में अवगत कराया गया कि कोरोना वैक्सिनेशन के प्रथम चरण के दौरान प्रदेश में 1,500 वैक्सिनेशन सेन्टर्स के 3,000 बूथ पर टीकाकरण कार्य किया जाएगा। इसके लिए 1,300 कोल्ड चेन स्थापित हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी के सभी प्रबन्ध निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी व निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के सम्बन्ध में की गयी व्यवस्था का सत्यापन किया जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि अस्पतालों आदि में फायर सेफ्टी से सम्बन्धित उपकरण हों। इसको चलाने वाले ऑपरेटर भी उपलब्ध हों।
उन्होंने कहा कि 10 जनवरी से पुनः प्रारम्भ हो रहे मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के आयोजन की सभी तैयारियां कर ली जाएं। इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना व मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के सम्बन्ध में लोगों को जानकारी प्रदान की जाए। पात्र लाभार्थियों को इन योजनाओं के गोल्डन कार्ड भी वितरित किए जाएं।
बैठक में अवस्थापना व औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई व सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज व ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।