नई दिल्ली. भारत में पिछले 17 महीनों में कोरोना से करीब 50 लाख मौतें हो चुकी हैं। यह अनुमान एक अमेरिकी संस्था की स्टडी में जताया गया है। स्टडी के मुताबिक, कोरोना से बने हालात भारत की आजादी और बंटवारे के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है। इस स्टडी में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया गया है।
वॉशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने इस स्टडी के लिए सीरोलॉजिकल स्टडी, हाउस होल्ड सर्वे, स्टेट लेवल पर सिविक बॉडीज से मिले ऑफिशियल डेटा और अंतरराष्ट्रीय आकलन को आधार बनाया है। मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में भारत में मौतों के तीन अनुमान बताए गए हैं। सभी में मौतों की संख्या सरकारी डेटा (4.18 लाख) के मुकाबले कई गुना ज्यादा बताई गई है।
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मौतों के तीन अनुमान
मौतों की सबसे कम संख्या वाले अनुमान में भी यह संख्या 34 लाख है। इसे 7 राज्यों से लिए गए रजिस्ट्रेशन के आधार पर तैयार किया गया है।
दूसरे केल्कुलेशन में ऐज स्पेसिफिक इन्फेक्शन फैटेलिटी रेट (IFR) के अंतरराष्ट्रीय अनुमान को लागू किया गया है। इसके मुताबिक, मौतों की संख्या 40 लाख के आसपास है।
तीसरा अनुमान कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के आधार पर है। इसमें 49 लाख मौतों की बात कही गई है।
अभिषेक आनंद, जस्टिन सेंडेफर और अरविंद सुब्रमण्यम की लिखी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा पर आधारित अनुमानों को समझना और उनसे जुड़ना जरूरी है। इसे अभी नहीं बल्कि भविष्य के लिए भी काउंट किया जाएगा। अरविंद सुब्रमण्यम भारत सरकार के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सर्वे और अनुमान के भरोसे कोरोना से हुई मौतों की संख्या बताना गलत भी हो सकता है।
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पहली लहर सोच से ज्यादा खतरनाक थी
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक पहली लहर के दौरान भारत त्रासदी का अंदाजा ठीक से नहीं लगा पाया। यह नाकामी भयानक दूसरी लहर का कारण बनी। इसके मुताबिक, पहली लहर जितनी मानी गई उससे कहीं ज्यादा घातक थी। पहली लहर में ही लगभग 20 लाख लोग मारे गए होंगे।
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डेल्टा वैरिएंट दुनिया के लिए खतरा
मौतों पर यह नई स्टडी उस वक्त आई है, जब भारत में पहली बार मिले डेल्टा वैरिएंट ने कई पश्चिमी देशों को हिला कर रख दिया है। अमेरिका में कोरोना के ज्यादातर केस डेल्टा वैरिएंट के ही मिल रहे हैं। इनमें से भी कई बिना वैक्सीनेशन वाले हैं। यहां पिछले 7 दिनों में नए केस में 66% की बढ़ोतरी हुई है।
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दूसरी लहर से घातक होगी थर्ड वेव
देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। इसके कमजोर पड़ने के साथ ही केंद्र सरकार ने तीसरी लहर का खतरा जता दिया है। SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट में अगस्त में तीसरी लहर आने का दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि थर्ड वेव का पीक सितंबर में आएगा। यह दूसरी लहर के पीक से दोगुना या 1.7 गुना ज्यादा होगा।