उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि करीब पांच शताब्दी की लम्बी प्रतीक्षा के बाद श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास हो जाने के पश्चात दीपावली के अवसर पर अयोध्या में आयोजित किए जाने वाले ‘दीपोत्सव-2020’ का विशेष महत्व है।
श्री योगी ने दीपोत्सव-2020 को ऐतिहासिक स्वरूप देते हुए पूरी भव्यता के साथ मनाए जाने पर विशेष बल देते हुए कहा कि सभी कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन किया जाए।
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उन्होंने सम्पूर्ण दीपोत्सव के दौरान अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए और कहा कि मिट्टी तथा गोबर से निर्मित दीयों का प्रज्ज्वलन किया जाए। जागरूकता सृजित करते हुए अधिक से अधिक लोगों को दीये जलाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाए। इससे जहां एक ओर ईको फ्रेण्डली दीपावली की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर माटी कला से जुड़े कारीगरों की आमदनी होगी।
मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव-2020 के अवसर पर दीप प्रज्ज्वलन के लिए अधिक से अधिक स्वयंसेवियों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
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उन्होने कहा कि अयोध्या के पुरातन, ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत केन्द्र एवं राज्य सरकार इसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रही है। अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ समस्त आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इसका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। अयोध्या को पूरे विश्व में पर्यटन के प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। मौजूदा सरकार प्रत्येक वर्ष दीपावली पर इसी उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए दीपोत्सव का आयोजन करा रही है। दीपोत्सव-2020 इसी श्रृंखला की चौथी कड़ी है।