हर महिला अपनी शादी के बाद मां बनने का सुख (Motherhood) पाना चाहती हैं जो अपनेआप में एक अद्भुद अहसास होता हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि कई महिलाओं को मां बनने में परेशानी का सामना करना पड़ता हैं क्योंकि उनकी फर्टिलिटी (fertility) अर्थात प्रजनन क्षमता कम होती हैं।
ऐसे में आपको प्राकृतिक तरीकों की जरूरत होती हैं जो फर्टिलिटी (fertility) बढ़ाने का काम करें। इसका सबसे अच्छा जरिया हैं आपका खानपान। जी हां, आहार में कुछ चीजों को शामिल कर फर्टिलिटी की क्षमता को बढ़ाते हुए मां बनने में आ रही दिक्कत को दूर किया जा सकता हैं।
आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे आहार बताने जा रहे हैं जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। तो आइये जानते हैं इन आहार के बारे में…
बीन्स और दाल
बीन्स और दाल फाइबर और फोलेट से भरपूर होती हैं, जो हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। दाल में पॉलीमाइन स्पर्मिडाइन भी अधिक मात्रा में पाएं जाते हैं, जो कि फर्टिलिटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इतना ही नहीं, दाल और बीन्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो हेल्दी ओव्यूलेशन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। कई शोधों से पता चलता है वेजिटेरियन प्रोटीन के सेवन से 50 फीसदी तक एनोव्यूलेशन के कारण होने वाली इंफर्टिलिटी की समस्या के जोखिम को कम किया जा सकता है।
एवोकाडो
एवोकाडो विटामिन के, पोटेशियम और फोलेट से भरपूर होते हैं जो आपके शरीर को विटामिन को एब्जॉर्व करने, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के अलावा कई मामलों में फायदेमंद है। एवोकाडो मोनोअनसैचुरेटेड हेल्दी फैट से भरपूर होता है जो कि उपयुक्त मात्रा में फाइबर और फोलिक एसिड प्रदान करते हैं। ये सभी चीजें गर्भावस्था के शुरुआती चरणों के दौरान महत्वपूर्ण होती हैं।
शतावरी
शतावरी गर्भवती होने की कोशिश करने वाली महिलाओं के लिए पोषक तत्वों का पावरहाउस है। कई शोधों से पता चलता है कि एक कप उबला हुआ शतावरी खाने से आपको फोलिक एसिड का रोजाना की निश्चित मात्रा का 60% मिलता है। आपके दैनिक विटामिन की 20% तक भरपाई करता है। इसके अलावा इसमें जिंक और सेलेनियम भी पर्याप्त मात्रा में होता है।
अखरोट
ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर अखरोट प्रजनन क्षमता में सुधार करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। एक छोटे से शोध में पाया गया कि महिला और पुरुषों दोनों की प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए अखरोट बहुत फायदेमंद है।
अंडे की जर्दी
अंडे की जर्दी में आयरन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन बी6, विटामिन ए, फोलेट और विटामिन बी12 मौजूद होता है। इसके अलावा, अंडे की जर्दी में प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड ईपीए और डीएचए और वसा में घुलनशील विटामिन ए, डी, ई और विटामिन के 2 होते हैं। कई शोध भी इस बात को साबित कर चुके हैं कि अंडे और इसकी जर्दी में मौजूद प्रोटीन पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता के लिए अच्छा है। अंडे में कोलीन भी होता है, जो कुछ जन्म दोषों के जोखिम को कम कर सकता है।
सनफ्लावर सीड्स
भुने हुए, अनसाल्टेड सनफ्लावर सीड्स यानी सूरजमुखी के बीज विटामिन ई से भरपूर होते हैं। ये एक आवश्यक पोषक तत्व है जो प्रजनन की समस्या से गुजर रहे जोड़ों के लिए जरूरी है। सनफ्लावर सीड्स फोलेट और सेलेनियम से भरपूर होते हैं, जो फर्टिलिटी के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही इन बीजों में ओमेगा-6 फैटी एसिड और थोड़ी मात्रा
पके हुए टमाटर
टमाटर में बहुत अधिक मात्रा में लाइकोपीन नामक पोषक तत्व होता है, ये एक ऐसा शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कई शोध भी इस बात को साबित कर चुके हैं कि लाइकोपीन प्रजनन क्षमता के सुधार करने के लिए उपयोगी है।
अनानास
ऐसा माना जाता है कि अनानास खाने से ओव्यूलेशन, गर्भधारण के प्रयास या आईवीएफ के दौरान एब्रियो ट्रांसफर के बाद पांच दिनों तक अनानास खाने से इंप्युटेशन में मदद मिलती है। हालांकि इसके कोई पुख्ता प्रमाण मौजूद नहीं हैं। अनानास में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, रोजाना एक कप अनानास खाने से रोजाना निश्चित विटामिन सी का 46 फीसदी आप इंटेक कर सकते हैं।
आपको बता दें, विटामिन सी की कमी के कारण पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओएस) हो सकता है जो कि इंफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, अनानास में नैचुरल एंजाइम ब्रोमेलैन भी होता है, जो कि एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर होता है और इम्युन सिस्टम को सूजन से बचाता है। सूजन प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है और ओव्यूलेशन को दबाने का काम करती है।