लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठजोड़ पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसी गठजोड़ का पर्दाफाश करने के लिये उन्होंने राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला किया था, जिसमें उनकी पार्टी पूरी तरह सफल रही है।
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आचार्य नरेन्द्र देव को श्रद्धाजंलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में श्री यादव ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में निर्दल प्रत्याशी को समर्थन करने का मेरा मकसद था कि बसपा और भाजपा के गठजोड़ के छिपे एजेंडे का पर्दाफाश किया जाये जिसमें पूरी सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि वह पहले से कहते आ रहे हैं कि भाजपा और बसपा एक एजेंडे के तहत उत्तर प्रदेश में काम कर रही है। भाजपा ने जानबूझ कर एक सीट बसपा के लिये छोड़ी थी, ताकि मतदान की नौबत न आ सके, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन से मतदान जरूरी हाे रहा था। जिसके लिये जानबूझ कर नामांकन में गड़बड़ी कर निर्दलीय का पर्चा निरस्त कराया गया।
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बता दें कि नौ नवम्बर को राज्यसभा की 10 सीटों के लिये होने वाले चुनाव के लिये भाजपा आठ,सपा और बसपा एक एक प्रत्याशी के साथ मैदान में हैं। ऐसे में सभी उम्मीदवारों के निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा गलत नाम भरने की वजह से निरस्त कर दिया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने से भड़की बसपा प्रमुख मायावती ने सपा से इसका बदला लेने के लिये भाजपा से भी गठबंधन करने की चेतावनी दी थी।