काबुल। अफगानिस्तान के जलालाबाद में भारतीय कौंसुलेट (Indian Embassy) के स्थानीय अफगान कर्मचारी की वाहन पर हमला किया गया। इस हमले में एक कर्मचारी के बॉडीगार्ड की मौत हो गई, जबकि दूसरे कर्मचारी अब्दुल वदूद, को गंभीर चोटें आईं। यह घटना भारतीय कौंसुलेट के कर्मचारी को निशाना बनाकर की गई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है, और हमलावरों की तलाश जारी है।
भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Embassy) जलालाबाद को अफ्गानिस्तान में साल 2020 को सुरक्षा कारणों से असक्रिय कर दिया था। इसके बाद दूतावास को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था, लेकिन एक छोटा सा अफगान कर्मचारी दल वहां काम करने के लिए रखा गया था। फिलहाल हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है और जांच जारी है।
दूतावास (Indian Embassy) बंद करने के बावजूद सहायता जारी
यह हमला भारतीय कौंसुलेट की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा करता है, खासकर उस स्थिति में जब भारत ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। वहीं भारत ने अफगानिस्तान में अपनी सभी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के बावजूद मानवीय सहायता जारी रखी है। हालांकि भारत तालिबान शासन को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देता है, फिर भी अफगान जनता के लिए भारत ने गेहूं और दवाइयां भेजी है। मौजूदा समय में केवल काबुल वाला ही दूतावास चल रहा है।
भारत सरकार का बयान
भारत सरकार ने जलालाबाद में भारतीय कौंसुलेट के एक अफगान कर्मचारी पर हुए हमले के बाद स्थिति पर गहरी नजर बनाए रखने की बात कही है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले में किसी भारतीय नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, सुरक्षा अधिकारियों को घटना के बारे में और जानकारी का इंतजार है।
भारत में बंद है अफगानी दूतावास
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद, अफगान सरकार ने भारत में अपनी एंबेसी को बंद करने का फैसला ले लिया था। एंबेसी ने बताया कि उसे जरूरी सपोर्ट नहीं मिल पा रहा था, हालांकि उन्होंने सपोर्ट के प्रकार का खुलासा नहीं किया। इसके अलावा, अफगानिस्तान के हितों को पूरा न कर पाना भी एक कारण बताया गया। यह फैसला उस समय लिया गया था जब कई देश तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता देने से बच रहे हैं।