Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

नेपाल पर चीन की चापलूसी पर भारत सरकार की कड़ी नजर

oli-prachand

oli-prachand

नई दिल्ली। चीन के नेपाल मामले में खुले हस्तक्षेप के बावजूद भारत अपने इस पड़ोसी देश के आंतरिक मामलों में चुप्पी साधे रहने की नीति पर कायम है। चीन ने सभी कूटनीतिक आदर्शों को ताक पर रख कर नेपाल की राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित करने में जुटा है। पिछले दो दिनों से नेपाल में चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी का एक दल तमाम पक्षों से विमर्श करने और नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी के दोनों सीनियर राजनेताओं पीएम केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड में बीच-बचाव कर रहा है।

मामूली विवाद में दो पक्षों में हुआ खूनी संघर्ष, एक की मौत, छ्ह घायल

चीन का दल पीएम ओली और प्रचंड से अलग-अलग मुलाकात कर चुका है। चीन के खुल कर नेपाल के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने को लेकर भारत अचंभित है लेकिन वह प्रतिक्रिया जता कर यह संदेश नहीं देना चाहता कि वहां के राजनीतिक उठापटक में उसकी कोई रुचि है। सीपीसी का दल नेपाल के राष्ट्रपति के साथ भी दो घंटे तक विमर्श किया था। नेपाल के मुख्य अंग्रेजी समाचार पत्र द काठमांडू पोस्ट ने लिखा है कि, सीपीसी के उप नेता गुओ येझू की अगुवाई में दल काठमांडू पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रपति निवास पहुंच गया।

युवराज सिंह के दोबारा खेलन की उम्मीद खत्म, बीसीसीआई ने नहीं दी इजाजत

राष्ट्रपति बीडी भंडारी से मुलाकात के बाद सीधे पीएम ओली से इस दल की मुलाकात हुई। भारत मानता है कि पूर्व के अनुभवों को देखते हुए पड़ोसी देशों में राजनीतिक मामलों में कोई टीका-टिप्पणी नहीं करना ही उसके साथ संबंधों के हित में है। दो वर्ष पहले मालदीव में भी भारत ने ऐसी ही रणनीति अख्तियार की थी और उसका सकारात्मक फायदा हुआ था। हालांकि भारतीय रणनीतिकार काठमांडू की एक-एक गतिविधियों पर नजर जमाये हुए हैं।

Exit mobile version