लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य बुद्धिमत्ता और विवेकशीलता और कूटनीति की तुलना आज भी किसी से नहीं की जा सकती है। उन्होंने अपने राजनीतिक व कूटनीतिक समझ और नीतियों से ही चन्द्रगुप्त मौर्य को एक साधारण युवक से सम्राट बनाया। चाणक्य ने अपनी कूटनीति के बल पर ही नंद वंश का विनाश और मौर्य सम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अर्थशास्त्र के अलावा कई राजनीतिक ग्रंथ भी लिखे। उनकी लिखी गई चाणक्य नीति की बातें लोगों के लिए आज भी प्रेरणा स्तोत्र हैं। जो व्यक्ति आचार्य चाणक्य के महान विचारों और नीतियों को अपने जीवन में सच्चाई से अनुसरण करता है, तो वह अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकता है और हर कार्य में सफल हो सकता है। जानतें हैं चाणक्य के नीति के अनमोल वचन..
- सदैव दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए जब तक आप अपनी गलतियों से सीखते हैं आयु खत्म हो जाती है अर्थात् समय निकल जाता है।
- मूर्खों के मुख से तारीफ सुनने से बेहतर है कि बुद्धिमान व्यक्ति की डांट सुन ली जाए।
- आलस मत करो यही मनुष्य का सबस बड़ा दुश्मन है। क्योंकि आलसी मनुष्य का न कोई वर्तमान होता है न भविष्य।
- ज्ञान केवल किताबी नहीं होना चाहिए। व्यावहारिक ज्ञान होना भी आवश्यक है केवल किताबी ज्ञान समय पड़ने पर किसी काम नहीं आता है।
- अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहिए, क्योंकि भाग्य भी उसी का साथ देता है जो हर मुसीबत का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहता है।
- भय से भयभीत मत होइए भय आप पर हावी हो आप उस पर आक्रमण करके उसे नष्ट कर दीजिए।
- कोई किसी उच्च पद या ऊंचे स्थान पर बैठने से बड़ा नहीं बनता है,व्यक्ति अपने गुणों से ऊपर उठता है।
- बुरे कर्म नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस तरह से झुंड में भी बछड़ा अपनी मां को पहचान लेता है उसी प्रकार बुरे कर्म भी आपका पीछा करते हैं।