नई दिल्ली। Amazon.com इंक भारत की फार्मेसी चेन अपोलो फार्मेसी में लगभग 10 करोड़ डॉलर के Investment पर विचार कर रही है। Reliance Industries Ltd और Tata Group भी भारत के दवा बाजार में तेजी से अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं। अमेजन पहले से ही भारत में दवाइयां वितरित करता है और यह संभावित निवेश मुकेश अंबानी की रिलायंस से बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए किया जाएगा। रिलायंस ने ऑनलाइन फ़ार्मेसी नेटमेड्स में अधिकांश Investment है।
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इसके अलावा टाटा समूह भी पिछले दिनों ई-फार्मेसी फर्म 1mg में हिस्सेदारी लेने के लिए बातचीत कर रहा था। हालांकि, इस डील पर अमेजन और अपोलो हॉस्पिटल्स दोनों ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ई-फार्मेसियों की वृद्धि से कई भारतीय व्यापारी समूहों को अपने लिए खतरा दिख रहा है, उन्हें लगता है कि ऑनलाइन ड्रगिस्ट बिना सही सत्यापन के दवा की बिक्री में कर सकते हैं और बड़े कंपनियों के आने से इस क्षेत्र में बेरोजगारी हो सकती है।
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अमेजन की भारत में और विस्तार करने की योजना संयुक्त राज्य अमेरिका में दवाओं के खुदरा विक्रेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, वॉल्ग्रेन, सीवीएस हेल्थ और वॉलमार्ट जैसी बढ़ती दवाइयों को वितरित करने के लिए ऑनलाइन फार्मेसी शुरू करने की ऊँची एड़ी के जूते के करीब है। ई-फार्मेसियों की वृद्धि से कई भारतीय व्यापारी समूहों को अपने लिए खतरा दिख रहा है, उन्हें लगता है कि ऑनलाइन ड्रगिस्ट बिना सही सत्यापन के दवा की बिक्री में कर सकते हैं और बड़े कंपनियों के आने से इस क्षेत्र में बेरोजगारी हो सकती है।