तेहरान। ईरान के दिग्गज परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या में उपग्रह से संचालित एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। यह डिवाइस इजरायल का बना हुआ है। अनोखी बात यह भी है कि यह डिवाइस उपग्रह से संचालित की जा रही थी। यह हत्या सिर्फ इजरायल ने ही नहीं की बल्कि कई बड़ी ताकतों का हाथ होने की आशंका ईरान जता रहा है। इसमें ईरान सरकार के विरोधी संगठन पेरिस स्थित मुजाहिदीन-ए-खल्क की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। इधर हमले में मारे गए परमाणु विज्ञानी को सोमवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
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ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य अली शामखानी ने बताया कि विज्ञानी के हत्यास्थल पर गहनता से जांच की गई है। यहां पर मिले डिवाइस में इजरायल का लोगो बना हुआ है। ये हथियार इजरायली मिलिट्री इंडस्ट्री में ही बनाए हुए हैं। शामखानी ने बताया कि जांच पड़ताल में कुछ और तथ्य भी सामने आ रहे हैं। जिनकी तहकीकात की जा रही है। इस हत्या में अकेले इजरायल नहीं है।
उसकी सहायता में ईरान से निर्वासित ग्रुप मुजाहिदीन-ए-खल्क (एमइके) ने भी सक्रिय भूमिका निभाई है। इस संगठन को ईरान की सरकार ‘मुनाफिकीन’ कहती है। यह संगठन निर्वासित होकर पेरिस से ईरान विरोधी कामों को संचालित करता है। इसकी मंशा देश के सुप्रीम नेता अयातुल्लाह अली खामनेई की सत्ता को उखाड़ फेंकने की है। संगठन के इजरायल और उसके खुफिया संगठन मोसाद से बराबर संपर्क रहने के बारे में जानकारी मिली है।
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शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हमने हर उस स्थान की सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां आवश्यकता है। इन सबके बीच हमले में मारे गए परमाणु विज्ञानी फखरीजादेह के शव को सोमवार को उत्तरी तेहरान में दफनाया गया। यहां ईरान के रक्षा मंत्री सहित सेना के एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमीर हतामी ने कहा कि इस हत्या का बदला जरूर लिया जाएगा।