नई दिल्ली। जहांगीरपुर हिंसा (Jahangiripuri Violence) मामले में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शाह ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें जो मिसाल बने। जिससे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि उन्होंने इन दावों का खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक मस्जिद में भगवा झंडे फहराने का प्रयास किया गया था।
जहांगीरपुरी मामले में वृंदा करात और एम तिवारी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में निकाली गई यात्रा में लोग हथियारों से लैस थे। जिसमें कई लोग तलवारें, लाठियां और हथियार लिए हुए थे। दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में दोनों ने घटना में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही कहा है कि शोभा यात्रा के दौरान इन हथियारों को खुलेआम लहराया गया।
पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान जोर देकर कहा कि हिंसक झड़पों में शामिल लोगों को वर्ग, पंथ या धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा। अस्थाना से जब पूछा गया कि क्या झंडा फहराने की कोशिशों के बाद झड़प शुरू हुई थी तो उन्होंने कहा नहीं, शोभायात्रा के दौरान मस्जिद में भगवा झंडा फहराने का कोई प्रयास नहीं किया गया था। कई राजनेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने जहांगीरपुरी में एक स्थानीय मस्जिद पर झंडा फहराने की कोशिश की, जिसके बाद पथराव और हिंसा हुई।
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उल्लेखनीय है कि शहर के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान झड़प हुई थी, जिसमें नौ पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हो गया था। अस्थाना ने कहा कि शनिवार को हुई झड़पों की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है और इस संबंध में 14 टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा फोरेंसिक टीमों ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्रित किये हैं।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने लोगों से इन पर ध्यान न देने की अपील की।
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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। अस्थाना ने कहा, हम सोशल मीडिया पर नजर रख रहे हैं और अगर जरूरत पड़ी तो झूठी खबरें फैलाने, गलत सूचना देने या माहौल को नुकसान पहुंचाने की मंशा से ट्वीट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्वाई की जाएगी।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल जानकारी के विश्लेषण के माध्यम से सभी कोणों से मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने शनिवार को हुई घटना के बारे में बताया कि शाम करीब 4.15 बजे हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकाली गई थी। शाम करीब 6:15 बजे तय रास्तों पर शोभायात्रा निकली। शोभा यात्रा के दौरान पीछे चल रहे लोग तीखी बहस होने के बाद रुक गए, जिसके बाद पथराव हुआ।
अस्थना ने पुलिस बल के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि कर्मियों ने दोनों समूहों को अलग कर दिया और लोगों को घायल होने से बचा लिया। उन्होंने कहा, हमने मामला दर्ज किया है और दोनों समुदायों के 23 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। उनमें से आठ का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से अब तक तीन आग्नेयास्त्र और पांच तलवारें भी बरामद की गई हैं।