हर साल अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जितिया व्रत किया जाता है। यह व्रत महिलाओं द्वारा अपनी संतान की अच्छी सेहत व सलामती के लिए रखा जाता है। जितिया का व्रत (Jitiya Vrat) तीन दिनों तक चलता है, जिसमें महिलाएं जल का सेवन भी नहीं करती हैं। आइए जानते हैं कब से कब तक चलेगा जितिया व्रत, नहाय-खाय की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त व पारण विधि-
जितिया व्रत (Jitiya Vrat) कब से होगा शुरू:
पंडित मार्केण्डेय दूबे के अनुसार, जितिया व्रत (Jitiya Vrat) का पर्व अश्विन कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है। जीवित्पुत्रिका व्रत का पर्व 24 सितंबर मंगलवार से लेकर 26 सितंबर गुरुवार तक चलेगा।
नहाय-खाय किस दिन:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपनी संतान के लिए बिना कुछ खाए-पिए मताएं जितिया का व्रत करती हैं। इस साल नहाय-खाय के साथ मंगलवार को जितिया व्रत शुरू होगा। बुधवार को पूरे दिन-रात निर्जल व्रत रखा जाएगा। गुरुवार के दिन व्रत का पारण कर इस व्रत का समापन होगा। जितिया व्रत के दिन राजा जीमूतवाहन की कथा भी सुनी जाती है, जिसमें राजा जीमूतवाहन ने अपना शरीर पक्षी राज गरुड़ को समर्पित कर बालकों की जीवन रक्षा की थी।
जितिया व्रत (Jitiya Vrat) का शुभ मुहूर्त:
पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर, मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 25 सितंबर, बुधवार को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, बुधवार को पूरे दिन रात माताएं जितिया व्रत (Jitiya Vrat) का निर्जल उपवास रहेंगी।
कैसे करें व्रत (Jitiya Vrat) पारण:
इस साल 26 सितंबर, गुरुवार को जितिया व्रत (Jitiya Vrat) का पारण किया जाएगा। व्रत का पारण 26 सितंबर, गुरुवार को सूर्योदय के बाद कभी भी किया जा सकता है। गुरुवार 26 सितंबर को सुबह में स्नान करने के बाद घर के देवी-देवताओं का पूजन करें। सूर्योदय के कुछ समय बाद व्रत का पारण करें।