उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में तीन दिन पूर्व हुई पत्रकार राकेश सिंह और उनके साथी की हत्या के मामले का सोमवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया।
दोनों को अल्कोहल से बने सैनिटाइजर से जलाया गया था। पुलिस ने इस केस के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार प्रधान निधि में हो रहे बंदरबांट की खबर लिखने और पैसों के लेनदेन के विवाद में दोनों की हत्या हुई थी। फिलहाल सभी आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
27 नवंबर की रात थाना कोतवाली देहात के ग्राम कलवारी में रहने वाले पत्रकार राकेश सिंह व उसके साथी पिन्टू साहू को जिंदा जला दिया गया था। मृतक पत्रकार की पत्नी ने जल्द खुलासा न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। पुलिस ने मामले में सक्रियता दिखाते हुए आज पूरे मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक पत्रकार राकेश सिंह ग्रामसभा कलवारी में सरकारी रुपए के दुरुपयोग की खबर लिख रहे थे। इससे कलवारी की महिला प्रधान सुशीला देवी व उनके लड़के रिंकू से रंजिश बढ़ रही थी।
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राकेश के मृतक साथी पिंटू साहू ने ललित मिश्रा को एक कार बेची थी। जिसके बकाया लगभग ढाई लाख रुपए को लेकर ललित से विवाद चल रहा था और घटना से ठीक पहले दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था। दोनों के विवाद की जानकारी जब दोनों पक्षों को हुई तो रिंकू मिश्रा ने ललित मिश्रा व अकरम के साथ मिलकर राकेश व उसके दोस्त पिंटू की हत्या की योजना बनाई थी।
घटना की रात रिंकू मिश्रा अपने कुछ साथियों के साथ पत्रकार राकेश सिंह के घर गया था। जहां राकेश और पिंटू दोनों मौजूद थे। वहां ग्रामसभा के खिलाफ खबरें न लिखने पर दोनों के बीच बात हुई। फिर सभी ने शराब पी और जब राकेश व उसका साथी नशे में हो गए तो रिंकू अपने साथियों के साथ वहां से निकल गया।
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योजना के मुताबिक ललित मिश्रा व उसके साथी अकरम फौरन बाद वहां आ गए और नशे की हालत में ही केमिकल युक्त सैनिटाइजर दोनों के ऊपर डाल अकरम और ललित ने आग लगा दी। साथ ही भागते वक्त कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर ताला लगा दिया। जिससे कमरे से दोनों भाग न सकें। आग लगने के बाद कमरे में ही पिंटू की झुलसकर मौत हो गयी। जबकि पत्रकार राकेश सिंह बुरी तरह झुलस गए। बाद में उनकी भी लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई।
एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि पत्रकार राकेश के घर में बारूद या ब्लास्ट का कोई निशान नहीं मिला है। कमरे में लगी AC भी ठीक हालात में है। ऐसे में आग की गर्मी व कमरे से बाहर निकलने के लिए राकेश ने खुद दीवाल को तोड़ने का प्रयास किया था, जिससे दीवाल टूट गई थी।