रामपुर (मुजाहिद खां)। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के दर्जनों किसानो केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ विश्वास दिवस मनाकर विकास भवन का घिराव कर धरने पर बैठ गए।
इस मौके पर भाकियू जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि दिल्ली में जो किसानों का धरना चल रहा था उस पर सरकार के साथ एक समझौता हुआ था किसानों के खिलाफ जो मुक़दमे हैं वो वापस होंगे, एमएसपी पर कानून बनेगा और जो सारे मुद्दे हैं उस पर सरकार बात करेगी।
कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सारी बातें लिख कर दी थी जिस पर सरकार ने कहा था 15 दिन में कमेटी बनाकर किसानों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे लेकिन न कोई बात की, न कोई मुकदमा वापस हुआ और न ही एमएसपी पर कमेटी बैठी। कहा यह धरना विश्वासघात दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है, किसानों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। सरकार ने विश्वासघात किया है। किसान वहां मुकदमें को लेकर नहीं गया था जो मुकदमों की पोटली वापस लेकर आया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में विश्वासघात दिवस मनाया। विकास पर धरना दिया। बाद में नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।
जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में कार्यकर्ता विकास भवन पहुंचे। केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर धरना दिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो वादा किया था वो पूरा नहीं किया। एमएसपी पर न तो अभी तक कमेटी बनाई और न ही किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए हैं।
करहल में दौड़ेगी अखिलेश की साइकिल, सपा अध्यक्ष ने दाखिल किया नामांकन पत्र
आरोप लगाया कि सरकार ने चुनावी लाभ लेने के लिए किसानों को धोखा दिया है। काफी देर बाद धरने स्थल पर नगर मजिस्ट्रेट के पहुँचने पर किसानों ने नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। डीएम के जरिए राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में सरकार और किसानों के बीच हुए समझौते का हवाला देते हुए उस पर पूरी तरह अमल कराने का आग्रह किया है। साथ ही कहा है कि अगर सरकार लिखित आश्वासन से मुकर जाती है तो किसानों के पास दोबारा आंदोलन शुरू करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचेगा।