घर में काम करते हुए या कहीं और हल्का फुल्का करंट तो आया ही होगा। जाहिर है थोड़ी देर तो आपको पसीना छूट गया होगा । आपने शुक्र जताया होगा की करंट लगने के बाद आप छूट तो गए वरना कहीं बड़ा हादसा हो सकता था। आज हम आपको बता रहे हैं वो कारण जिनसे शरीर पर करंट का दुष्प्रभाव होता है और मौत तक हो सकती है। आपका शरीर कितना करंट सहन कर सकता है ? ऐसी कई सारी बातें जिनको जानकर आप भीं हैरान हो जाएंगे।
क्या कारक प्रभावित करतें है हमारे शरीर को ?
– करंट की मात्रा जो कि शरीर सेगुजर रही है
– शरीर के जिस हिस्से पर करंट लगता है और कौनसा हिस्से से जल्दी मौत हो जाती है ये करक भी महत्वपूर्ण है।
– कितने समय तक करंट शरीर को प्रभावित कर रहा है।
कितनी मात्रा कैसे करती है प्रभावित :
1 mA : सहन करने योग्य है पर ज्यादा देर तक सम्पर्क में रहने से नुक्सान भी ज्यादा हो सकता है।
5 mA : थोड़ा झटका महसूस होता है। आम तौर पर इंसान झटके खा कर ही छूट जाता है। अधिक दर्द नहींहैं होता शरीर को नुकसानदायक हो सकता है।
6 -16 mA : इस मात्रा का करंट काफी दर्द भरा होता है। व्यक्ति अपने शरीर पर से नियंत्रण खोने लगता है। इस स्थिति को ” लेट गो ” स्थिति कहा जाता है।
17 -99 mA : करंट कि यह मात्रा श्वसन तंत्र को बुरी तरहप्रभावित करती है। शरीर के अंग और मशल्स सिकुड़ने लगते हैं। इस स्थिति में आदमी करंट में से छूट नहीं पाता और मौत की सम्भावना अधिक हो जाती है।
100-2000 mA : यह बहुत अधिक मात्रा का करंट है जिसके कारणह्रदय अनियमित कार्य करने लगता है और धीरे धीरे सारा शरीर सिकुड़ने लगता है और म्रत्यु हो जाती है।