ज्योतिष शास्त्र में शनि देव (Shani Dev) को कर्मफल दाता और न्याय का देवता बताया है। शनि देव सबसे क्रूर ग्रह भी माने जाते हैं। माना जाता है कि शनि देव प्रसन्न होने पर रंक को राजा बना देते हैं। वहीं अगर शनि क्रोधित हो जाएं तो जीवन में परेशानियों का अंबार लग जाता है। शनि व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार, ही फल देते हैं। वो व्यक्ति को कर्म के अनुसार ही दंड भी देते हैं।
शनिवार का दिन शनि देव (Shani Dev) का
हिंदू धर्म में हर देवी-देवता को कोई न कोई दिन समर्पित किया गया है। शनि देव को शनिवार का दिन समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करता है, उसको शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सफलता उसके कदम चूमती है। नौकरी में तरक्की होती है। कारोबार में बढ़ोतरी होती है। जीवन सुखी रहता है, लेकिन कई बार व्यक्ति को शनि दोष लग जाता है। आइए जानते हैं शनि दोष कब लगता है। इसके लक्षण क्या हैं। इससे बचने के उपाय क्या हैं?
कब लगता है शनि दोष (Shani Dosh) ?
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि कुंडली में शनि के वक्री या नीच स्थान में विराजमान होने पर शनि दोष लग जाता है। इसके अलावा अगर व्यक्ति ने किसी जीव की हत्या की है, तो उसे शनि दोष लग जाता है। पत्नी का अपमान करने या उससे गलत व्यवहार करने पर भी व्यक्ति को शनि दोष लग जाता है। वहीं अगर व्यक्ति ने शनि देव की पूजा में कोई गलती की है, तो उसे शनि दोष लग जाता है।
शनि दोष (Shani Dosh) के लक्षण
>> बनते हुए काम में बाधा आ जाना
>> कर्ज का बढ़ना।
>> धन-संपत्ति खर्च होना।
>> वाद-विवाद होना
>> जीवन में मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना।
शनि दोष (Shani Dosh) से बचने के लिए करें ये उपाय
>> शनि दोष (Shani Dosh) को दूर करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
>> शनिदेव की स्तुति और चालीसा का पाठ करना चाहिए।
>> शनिवार के दिन शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।
>> शनिवार के दिन शनि देव को उड़द की दाल चढ़ानी चाहिए।
>> शनिवार के दिन शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।