स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन को आज एक साल हो गया है. आज भी लताजी के चाहनेवाले उनके जाने के गम से उभर नहीं पाए हैं. उनके परिवार को हर पल उनकी छोटी-छोटी बातें याद आती रहती हैं. उनके निधन की खबर ने पूरी इंडस्ट्री की आंखों को नम कर दिया था. एक साल पहले आज ही के दिन लता मंगेशकर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
‘भारत रत्न’ लताजी (Lata Mangeshkar) को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उन्होंने 29 दिनों तक जिंदगी के लिए जंग लड़ी थी. उन्हें कोरोना हो गया था, जिसके साथ उन्हें निमोनिया भी हो गया था. इन दोनों बीमारियों से लता मंगेशकर ज्यादा लड़ नहीं पाई. आज उनकी पहली डेथ एनिवर्सरी के मौके पर स्वर कोकिला को ट्रिब्यूट दिया जा रहा है. दरअसल लता मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि के मौके पर, सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर उनकी मूर्ति बनाई है.
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की रेत बनाी गई ये मूर्ति करीब 6 फीच ऊंची है. इसके साथ ही उन्होंने इस मूर्ति के साथ उन्होंने लिखा है ‘भारत रत्न लता जी को श्रद्धांजलि, मेरी आवाज ही पहचान है’. ये देखने में बेहद ही शानदार है. रेत पर इस तरह लता जी की तस्वीर बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि देना, यूजर्स को काफी पसंद आ रहा है. इस मूर्ति को बनाने के लिए बेहद ही कम रंगों का इस्तेमाल किया गया है. गौर करने वाली बात ये हैं कि सेंड आर्टिस्ट ने लताजी की तस्वीर को साथ-साथ म्यूजिक इंस्ट्यूमेंट भी बनाया है.
पठान की बॉक्स ऑफिस पर दहाड़, 850 करोड़ पहुंचा कलेक्शन!
बता दें, साल 2001 में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)को उनके सदाबहार गाने और उनकी कला को देखते हुए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. उन्हें इससे पहले पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका था. लताजी के पास कई बड़े नेशनल अवॉर्ड मौजूद थे. उनके गाने सदाबहार रहेंगे और लताजी भी सभी के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी.