सेहत से जुड़े या वेट लॉस करने की चाहत, ऐसे में आपने विशेषज्ञों को ग्रीन टी लेने की सलाह देते अक्सर देखा होगा। लेकिन क्या कभी ग्रीन कॉफी के बारे में आपने सुना है? ज्यादातर लोग ग्रीन कॉफी के फायदों से परिचित ही नहीं हैं। दरअसल ग्रीन कॉफी भी सामान्य कॉफी के ही हरे बीन्स होते हैं। जब इन्हें भूनकर पीस दिया जाता है तो इनका रंग भूरा हो जाता है, जिसका इस्तेमाल हम सब अक्सर घरों में करते हैं। लेकिन भूनने की वजह से ब्राउन कॉफी के पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं।
लेकिन जब इन हरे रंग के बीजों को बगैर भूने पीसा जाता है तो इनका रंग हरा रहता है और इसे ग्रीन कॉफी कहा जाता है। ग्रीन कॉफी को पोषक तत्वों का खजाना कहा जाता है। अगर आप अपने वजन को तेजी से घटाना चाहते हैं तो ग्रीन कॉफी बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। जानिए इसके ढेरों फायदे।
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ग्रीन कॉफी के फायदे
सेहत के लिहाज से ग्रीन कॉफी के तमाम फायदे हैं। ये शरीर की एक्सट्रा चर्बी को बहुत तेजी से छांटने का काम करती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल रखती है। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है, साथ ही शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। ये व्यक्ति को डायबिटीज, हृदय रोग व कैंसर के जोखिम से भी बचाने का काम करती है।
वजन कम करने के लिए सुबह पीएं
अगर आप अपने बढ़े हुए वजन को तेजी से घटाना चाहते हैं तो आपको ग्रीन कॉफी सुबह खाली पेट पीनी चाहिए। अगर वजन बहुत ज्यादा है तो आप इसे सुबह के अलावा दोपहर में लंच से एक घंटे पहले भी पी सकते हैं। इसे पीने के बाद करीब एक घंटे तक कुछ न खाएं। ऐसे में ये बेहतर काम करती है और तेजी से चर्बी को छांट देती है। लेकिन इसे दो बार से ज्यादा न पीएं वरना शुगर लेवल डाउन हो सकता है।
इस तरह बनाएं ग्रीन कॉफी
यदि आप ग्रीन कॉफी के बीज का इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक चम्मच बीच रातभर के लिए पानी में भिगोएं और सुबह इस पानी को धीमी आंच पर अच्छी तरह उबालें और छानकर गुनगुना पीएं। अगर पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भिगोने की जरूरत नहीं है। आप पानी को अच्छे से उबालें फिर एक चम्मच पाउडर उसमें घोल लें और गुनगुना पिएं। लेकिन इसमें कोई अन्य चीज न मिलाएं। अगर बहुत ज्यादा जरूरत हो, तो थोड़ा सा शहद एड कर सकते हैं।
साइड इफेक्ट्स भी जानें
ग्रीन कॉफी को एक या दो महीने से ज्यादा नहीं पीना चाहिए। वरना इसके साइड इफेक्ट्स झेलने पड़ सकते हैं। ग्रीन कॉफी एक या दो महीने में अच्छा खासा वजन कम कर देती है। इसके बाद आपको ग्रीन कॉफी का सेवन रोक देना चाहिए। वरना शुगर लेवल कम होने और लूज मोशन का खतरा रहता है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ता है। डायबिटीज के मरीजों को ग्रीन कॉफी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए।