लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अन्तर्राज्यीय स्तर पर असलहाें की तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो सक्रिय सदस्यों को शुक्रवार को लखनऊ के चिनहट इलाके से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 21 अर्धस्वचलित पिस्टलें और 42 मैगजीन बरामद की।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनोें एसटीएफ को अन्तर्राज्यीय असलहा तस्कर गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश के निर्देशन में प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों एवं टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।
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उन्होंने बताया कि अभिसूचना संकलन के दौरान मुख्य आरक्षी संतोष सिंह को विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि आज असलहा तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना अपने एक साथी के साथ मध्य प्रदेश के खण्डवा जिले से अवैध असलहा की खेप लेकर लखनऊ के चिनहट इलाके में कामता तिराहा के पास आने वाला है। इस सूचना पर उपनिरीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर मुखबिर द्वारा बतायेे गये स्थान पर रवाना की गयी। एसटीएफ की टीम ने कोकाकोला एजेन्सी के सामाने पहुंचकर घेराबन्दी कर आवश्यक बल प्रयोग करते हुए अन्तर्राज्यीय असलहा तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना आजमगढ़ निवासी अमरेश सिंह और मऊ निवासी प्रिन्स कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों के कब्जे से 21 पिस्टलें 32 बोर, 42 मैगजीन 32 बोर, तीन मोबाईल फोन, दो फर्जी पुलिस के परिचय पत्र, कुछ नकदी आदि बरामद की।
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गिरफ्तार बदमाश अमरेश ने पूछताछ पर बताया कि उसने मध्य प्रदेश के खरगोन व खण्डवा जिले में अवैध असलहे (पिस्टल) का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो में विक्री करने का बड़ा नेटवर्क बना रखा है। जिसमें वह प्रति माह 50-60 पिस्टलें तैयार कराकर बिक्री कर देता है। वह एवं सद्दाम हुसैन मध्य प्रदेश के पिस्टल बनाने वाले लोगों को साथ में मिलाकर उनसे अवैध पिस्टलों का निर्माण कराते है तथा उन्हें तैयार कराकर उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में बेचते है।
गौरतलब है कि सद्दाम हुसैन निवासी जमीलपुर महराजगंज जिला आजमगढ़ निवासी है। जिसे एसटीएफ ने पूर्व में भी 23 पिस्टलो के साथ हरदोई से गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जो वर्ममान में जमानत पर है। जमानत पर छूटने के बाद से ही वह इसके साथ काम करना शुरू कर दिया था, इन लोगो ने बताया कि एक पिस्टल बनाने का कुल खर्च लगभग 10 हजार का आता है, जिसे विभिन्न राज्यों में सीधे खरीददार को 28 से 30 हजार रूपये में एवं बिचैलियों को 25 हजार रूपये में बेचते है। इस तरह यह लोग एक पिस्टल पर 15 से 18 हजार प्रति पिस्टल कमाई कर लेते है।
गिरफ्तार आरोपियों को थाना चिनहट में दाखिल किया गया। अग्रिम विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही