लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अब भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) सिटी बनेगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए पांच करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री के खजाने से मिले पांच करोड़ रुपये ने राजधानी में AI सिटी की आधारशिला रखने का काम किया है, जो भविष्य में बड़ा आकार लेगा।
इससे वैश्विक स्तर पर लखनऊ को AI प्रोफेशनल तैयार करने वाले शहर के रूप में एक नई पहचान मिलेगी। दुनिया में अब तक कोई भी शहर AI सिटी के रूप में पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। हालांकि अमेरिका, चीन, जापान और यूरोप के कुछ बड़े शहरों में AI तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन किसी भी शहर को पूरी तरह AI सिटी के रूप में विकसित करने की पहल पहली बार लखनऊ में हो रही है।
दुनिया भर में AI प्रोफेशनल्स की भारी मांग
यह भारत को AI तकनीक में वैश्विक नेतृत्व दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी) के निदेशक प्रो. अरुण मोहन शेरी का कहना है कि आने वाले 20 वर्षों में AI सेक्टर रोजगार देने में आइटी सेक्टर को भी पीछे छोड़ देगा। वर्तमान में दुनिया भर में AI प्रोफेशनल्स की भारी मांग है, लेकिन आपूर्ति सीमित है।
पूरे देश की दिशा बदल सकता है AI
ऐसे में लखनऊ का AI सिटी बनना न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश की दिशा बदल सकता है। लखनऊ में ट्रिपल आईटी पहले ही AI से जुड़े कई कोर्स और प्रोग्राम चला रहा है। स्नातक, परास्नातक और पीएचडी स्तर पर AI कोर्स उपलब्ध हैं। साथ ही, AI आधारित स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
टेक्नोलॉजी हब के रूप में होगी लखनऊ की पहचान
अब सरकार द्वारा AI सिटी के लिए बजट का प्रस्ताव मिलने से इस क्षेत्र में और तेजी आएगी। देश और दुनिया में लखनऊ की पहचान एक टेक्नोलॉजी हब के रूप में बनेगी। युवा एआइ प्रोफेशनल्स को अपने ही शहर में विश्वस्तरीय अवसर मिलेंगे। नए स्टार्टअप्स और कंपनियों के निवेश से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। भारत वैश्विक स्तर पर AI टेक्नोलॉजी में अग्रणी बन सकेगा।
किन क्षेत्रों में AI का बढ़ेगा दबदबा?
AI आज सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि भविष्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में AI आधारित रोबोटिक सर्जरी, स्मार्ट डायग्नोसिस और दवा अनुसंधान, शिक्षा में AI ट्यूटर, स्मार्ट क्लासरूम, पर्सनलाइज्ड लर्निंग, कृषि में ड्रोन और मशीन लर्निंग से फसल उत्पादन बढ़ाने की तकनीक, व्यापार और वित्त में धोखाधड़ी रोकने, निवेश निर्णय लेने और आटोमेटेड बैंकिंग सेवाओं में AI का बढ़ता उपयोग, डेटा सुरक्षा और साइबर हमलों को रोकने, परिवहन और स्मार्ट सिटी में सेल्फ-ड्राइविंग कारें, ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि लगभग सभी क्षेत्रों में AI की मांग है।