प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या प्रकरण (Mahant Narendra Suicide Case) में मुख्य गवाह व शिकायतकर्ता अमर गिरि के खिलाफ जिला जज की अदालत ने गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी कर दिया है।अदालत ने उनकी गवाही के लिए 22 नवंबर की तिथि तय की है। कोर्ट ने यह आदेश सीबीआई की ओर से दाखिला अर्जी पर दिया है।
सीबीआई की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया था कि शिकायतकर्ता और मुख्य गवाह अमर गिरि के खिलाफ कोर्ट ने पहले ही वारंट जारी कर दिया था। उनका पता न चलने की वजह से जमानती वारंट का तामिला नहीं कराया जा सका था। लिहाजा गवाही के लिए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाए। अर्जी को स्वीकार कते हुए जिला जज संतोष कुमार राय की अदालत ने गैर जमानती वारंट कर दिया है।
मामले की गवाही के लिए 22 नवंबर की तिथि तय की है। जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने कहा कि अदालत ने अमर गिरि को गवाही के लिए पहले ही कई मौके दिए गए हैं। उनकी उपस्थिति न होने के वजह से अदालत को प्रक्रिया के तहत गैर जमानती वारंट जारी करना पड़ा।
अमर गिरि की ही शिकायत पर दर्ज हुआ था मुकदमा
दाखिल अर्जी में यह भी कहा गया था कि समन तामील कराने के लिए पुलिस ने बाघम्बरी गद्दी आलापुर और संगम स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर पर गई, लेकिन दोनों ही स्थान पर वह नहीं मिले। पूछने पर अन्य लोगों ने बताया कि बाबा अमर गिरि काफी दिनों से यहां नहीं आए हैं और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। और यह भी नहीं पता है कि वह कहां गए हैं, उनका मोबाइल नंबर भी किसी के पास नहीं है। इस वजह से जमानती वारंट की तामिली नहीं हो सकी है।
बता दें की बाबा अमर गिरि महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या कांड (Mahant Narendra Suicide Case) के मुख्य गवाह है और उनकी ही शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने मामले में प्राथमिक की दर्ज की थी। आत्महत्या के आरोप में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या गिरि और उनके बेटे संदीप तिवारी अभी जेल में बंद हैं। तीनों ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी लेकिन उनकी अर्जी खारिज हो चुकी है।