शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के मौके पर सदियों से रातभर खुले आसमान में चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने की प्रथा चली आ रही है. हिन्दू धर्मं के अनुसार मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर चांद की किरणें अमृत बरसाती हैं जिससे खीर में अमृत का अंश मिल जाता है. साथ ही कहा जाता है की इस खीर को खाने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है. शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन ऐसे बनाएं स्वादिष्ट खीर..
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) की खीर बनाने की विधि (kheer recipe)
एक मोटे तले वाले बर्तन में दूध डालें और इसे एक चौथाई भाग घटने तक पकाएं.
दूध तीन चौथाई रह जाने के बाद इसमें दूध की मात्रा के अनुसार चावल डालें.
एक करछी से इस मिक्स्चर को चावल पकने तक चलाते रहें.
चावल अच्छे से पक जाने के बाद इसमें आवश्यकतानुसार चीनी डालें.
कुछ देर बाद खीर में इलाइची पाउडर और मेवे डालें.
खीर को 5 मिनट और चलाएं फिर गैस बंद कर दें.
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) की खीर खाने के फायदे
1. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की खीर अस्थमा रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद बताई जाती है.
2. अस्थमा मरीजों के साथ-साथ शरद पूर्णिमा की खीर को चर्म रोग से परेशान लोगों के लिए भी अच्छा बताया जाता है. मान्यता है कि अगर किसी भी व्यक्ति को चर्म रोग हो तो वो इस दिन खुले आसमान में रखी हुई खीर खाए.
3. यह खीर आंखों से जुड़ी बीमारियों से परेशान लोगों को भी बहुत फायदा पहुंचाती है. इसे लेकर भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा का चांद बेहद चमकीला होता है इसीलिए आंखों की कम होती रोशनी वाले लोगों को इस चांद को एकटक देखते रहना चाहिए. क्योंकि इससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है. इसी के साथ यह माना जाता है कि इस रात के चांद की चांदनी में आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सुई में 100 बार धागा डालना चाहिए.
4. आंखों, दमा और चर्म रोग में फायदा दिलाने के साथ शरद पूर्णिमा का चांद और खीर दिल के मरीज़ों और फेफड़े के मरीज़ों के लिए भी काफी फायदेमंद होती है.