लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की प्रमुख मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक ओर जहां उत्तर प्रदेश(यूपी) की कानून व्यवस्था पर निशाना साधा वहीं राजस्थान की गहलोत सरकार पर भी बदनीयती का आरोप लगाया।
दलित महिला के शव को चिता से हटाने की घटना पर मायावती ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
मायावती ने कहा कि राजस्थान में हमने चुनाव के बाद कांग्रेस को बिना शर्त अपने छह विधायकों का समर्थन दिया। दुर्भाग्यवश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुरी नीयत से और बसपा को खतरा पहुंचाने के लिए हमारे विधायकों का कांग्रेस में विलय करा लिया। उन्होंने ऐसा ही पिछले शासनकाल में भी किया था।
We have asked the 6 MLAs, who are elected to Rajasthan Assembly on the symbol of BSP, to vote against Congress in any proceedings to be held during Rajasthan Assembly Session. If they don't do so, their party membership will be cancelled: BSP Chief Mayawati pic.twitter.com/3JVSssPVfg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 28, 2020
बसपा पहले भी अदालत जा सकती थी लेकिन हम कांग्रेस और अशोक गहलोत को सबक सिखाना चाहते थे। अब हमने अदालत जाने का फैसला किया है। हम इस मामले को नहीं छोड़ेंगे। हम जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। मायावती ने आगे कहा कि पार्टी ने राजस्थान में चुने गए अपने छह विधायकों से कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा है। अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
Today, law & order situation is worsening in the state, criminals are ruling Uttar Pradesh. If govt wants to improve the situation, then UP CM, without any hesitation, should learn from BSP. I governed UP for 4 terms, during which law & order situation was stable: Mayawati, BSP pic.twitter.com/PtDl7RVIgU
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 28, 2020
पूर्व पीएम नजीब रजाक पर लगा डॉलर हेराफेरी का आरोप, कहा- फैसले के खिलाफ करेंगे अपील
बसपा से सीखें यूपी सीएम
राजस्थान के अलावा वह यूपी सरकार पर भी बरसीं। मायावती ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बदतर हालात में है, प्रदेश को अपराधी चला रहे हैं। अगर सरकार हालात सुधारना चाहती है तो यूपी के मुख्यमंत्री को बिना किसी संकोच के बसपा से सीखना चाहिए। मैंने यूपी में चार बार शासन किया, जिस दौरान कानून व्यवस्था की हालत स्थिर रही।