लखनऊ। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ की बैठक महासंघ कार्यालय पीएमएस भवन महानगर में सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया 2 जुलाई को सभी संगठन स्वास्थ्य महानिदेशालय का एकजुट होकर घेराव करते हुए प्रदर्शन करेंगे और स्थानांतरण नीति का विरोध करेंगे।
जिसमे चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ से संबद्ध पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग, फार्मेसी संवर्ग, ऑप्टोमेट्रिशन संवर्ग, एलटी संवर्ग, एक्सरे संवर्ग, ईसीजी संवर्ग, इलेक्ट्रिशियन संवर्ग, डेंटल हाइजीनिस्ट संवर्ग एवं चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के सभी संगठनों के निर्वाचित पदाधिकारियों की बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि उ० प्र० सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से 2021-22 के लिए निर्धारित स्थानांतरण नीति दिनांक 29/03/2018 के अनुसार, शासन के आदेश दिनांक 21/06/2021 व कार्मिक विभाग के शासनादेश दिनांक 15/06/2021 के अनुसार चिकित्सा स्वास्थ्य के अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानांतरण ऑनलाइन मेरिट बेस्ड प्रणाली से किए जाने की अपेक्षा की गई है। जबकि स्थानांतरण की मेरिट क्या होगी? मेरिट निर्धारण करने का क्या आचार होगा? मेरिट सिलेक्शन में होती है।
स्थानांतरण में मेरिट का औचित्य समझ से परे है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के सभी संवर्गों के अधिकारियों / कर्मचारियों ने कोविड 19 महामारी के मुश्किल समय में सरकार व शासन-प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर (जिसमें हमारे कितने साथी शहीद भी हुए) प्रदेश की जनता की पूरी तन्मयता से सेवा कर जान बचाने का कार्य किया है, जिसके बदले कई प्रदेश सरकारों ने इनाम स्वरूप प्रोत्साहन राशि दी, ना कि स्थानांतरण नीति
इसके विरोध में चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने सर्वसम्मति से रोष व्यक्त करते हुए निर्णय लिया गया है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शासन एवं प्रशासन ने कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जिससे अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया जाता जबकि पूरे उत्तर प्रदेश में सभी संवर्गों को कई हजार पद रिक्त पड़े है। कोविंड-19 की महामारी में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी प्रदेश सरकार व प्रदेश की जनता ने बखूबी महसूस किया है।
इतने कम मानव संसाधन में अधिकारियों / कर्मचारियों ने शासन के निर्देशों के अनुरूप अपनी एवं अपने परिजनों की जान जोखिम में डालकर प्रदेश की जनता की सेवा कर जनता की जान बचाई है। सरकार द्वारा 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई, न रिक्त पदों पर भर्ती कर मानव संसाधन की कमी दूर की गई। कोविड 19 महामारी के दौरान जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक महगाई भत्ता फ्रीज कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों / कर्मचारियों के कई भत्ते बंद कर दिए गये। चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ करने के उद्देश्य से विभाग में किसी भी संवर्ग का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं बजे चिकित्सालयों में सभी संवगीय पदों का मानक निर्धारण आज तक नहीं किया गया है। सभी संवर्गों के रिक्त पदों पर पदोन्न्ती नहीं की गई. हजारों पद आज भी खाली है।
इसलिए चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ यह मांग करता है कि पर उ० प्र० सरकार व शासन-प्रशासन करोना महामारी के तीसरी लहर की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए अविलंब निर्णय लेते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्तमान स्थानांतरण सत्र की स्थानांतरण नीति में आंशिक शिथिलता करते हुए सामान्य स्थानांतरण के स्थान पर यथोचित व्यक्तिगत अनुरोध व पदोन्नति पर वांछित समायोजन हेतु यथासंभव वर्तमान तैनाती जनपद मंडल के अंदर ही पद की उपलब्धता के अनुसार ही स्थानांतरण किए जाने के आदेश जारी करने की कृपा करें ताकि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी / कर्मचारी कम से कम प्रभावित हों व पूर्ण मनोयोग से जनता की सेवा करते रहे।