लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ 61 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय आयोजन की मेज़बानी के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स की डायमंड जुबली 19वीं राष्ट्रीय जंबूरी (Jamboree) का भव्य आयोजन 23 से 29 नवंबर तक वृंदावन योजना स्थित रक्षा एक्सपो ग्राउंड में होने जा रहा है। इस आयोजन में देश भर से लगभग 30,000 स्काउट-गाइड, यूनिट लीडर्स और 1500 विदेशी प्रतिभागियों समेत कुल 33,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश पर, आयोजन स्थल को ‘लघु भारत’ का भव्य स्वरुप दिया जा रहा है। टेंट सिटी में विभिन्न राज्यों के लिए आवास तैयार किए जा रहे हैं, जबकि मुख्य आयोजन के लिए ‘सेन्टर एरिना’ का निर्माण अंतिम चरण में है।
सांस्कृतिक विविधता का संगम
लखनऊ में आयोजित हो रही 19वीं राष्ट्रीय जंबूरी (Jamboree) ‘लघु भारत’ का भव्य दर्शन कराएगी। यहाँ देश के सभी राज्यों की सांस्कृतिक विविधता एक मंच पर जुटेगी। विभिन्न राज्यों की परंपराओं और कलाओं का यह अद्वितीय संगम राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त करेगा। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान समेत एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के 10 देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। यह अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता का एक अनूठा संगम होगा।
नवाचार और तकनीक का समागम
यह जम्बूरी (Jamboree) परंपरा के साथ नवाचार का भी संगम होगी। टेंट सिटी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक अस्थाई तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ बच्चों को अत्याधुनिक दूरबीनों के माध्यम से दिन में सूर्य और रात में तारों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रतिभागियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए एक अस्थाई बाज़ार और फूड कोर्ट भी तैयार किया जा रहा है, जहाँ देशभर के खान-पान का स्वाद मिलेगा।
निर्बाध संचार कनेक्टिविटी के लिए, दूर संचार मंत्रालय एक समर्पित टावर और उपकरण लगाने जा रहा है, ताकि 40,000 से अधिक कैंडिडेट्स बिना किसी रुकावट के अपने परिजनों से संपर्क स्थापित कर सकें।
स्वास्थ्य सुरक्षा का अभेद्य चक्र
इस बड़े अंतर्राष्ट्रीय आयोजन को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 100 बेड का एक अस्थायी अस्पताल तैयार किया गया है, जिसमें 50 बेड पुरुषों और 50 बेड महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। इसके अतिरिक्त, पूरे दिन सक्रिय रहने वाली 15 डिस्पेंसरी भी बनाई जा रही हैं। अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए 50 डॉक्टरों (फिजिशियन, सर्जन, आर्थोपैडिक) और लगभग 100 पैरामेडिकल स्टाफ (नर्स, टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट) की ड्यूटी तीन पालियों में लगाई गई है। आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था के साथ-साथ, पास के अस्पतालों में आईसीयू और सामान्य बेड भी रिजर्व रखे गए हैं।









