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मोहम्मद कैफ ने कहा- नेटवेस्ट 2002 के फाइनल में हरभजन की सलाह ने की उनकी मदद

नई दिल्ली| नेटवेस्ट सीरीज 2002 का फाइनल मैच सालों से याद किया जाता रहा है। भारत और इंग्लैंड के बीच हुए इस फाइनल मैच में सौरव गांगुली के नेतृत्व में भारत ने इंग्लैंड टीम को 326 रनों का पीछे करते हुए हराया था। मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने इस मैच में भारत को जीत दिलाई थी। इन दोनों ने असंभव को संभव कर दिखाया था। भारत 5 विकेट खो चुका था और क्रीज पर कैफ और युवराज थे। युवराज चौके लगाकर रन रेट को बनाए रख रहे थे और कैफ लूज गेंदों को हिट कर रहे थे, लेकिन 65 रन बनाकर युवराज आउट हो गए। जीत के लिए अभी 60 रन की जरूरत थी।

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने हाल ही में याद किया कि किस तरह हरभजन सिंह ने नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल के दौरान उस संकट के समय उनकी मदद की थी। कैफ ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने कॉलम में कहा, ”मुझे याद है कि मैंने रोनी ईरानी की गेंद पर छक्का लगाया था। लेंथ ज्यादा नहीं थी, लेकिन बस मैंने रिऐक्ट कर दिया था। ईरानी ऐसे गेंदबाज थे, जो 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकते थे। लेकिन यह एक तेज गेंदबाज का एटीट्यूड होता है। मुझे लगता है कि खेल में हम दोनों एक जैसे हो गए थे।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैंने हरभजन से अपना नेचुरल गेम खेलने के लिए कहा। मैं किसी को कंफ्यूज नहीं करना चाहता था, लेकिन भज्जी ने उस क्षण मेरी मदद की। मैंने पॉल कॉलिंगवुड की गेंद को खेला। गेंद इनसाइड ऐज लेती हुई फाइन लेग पर चली गई। हमने दो रन लिए। तब भज्जी ने मुझे कहा कि क्या कर रहा है, हर गेंद पर रन लो, स्कोरबोर्ड को देखो। मुझे लगा वह ठीक थे। मुझे गेंद को देखकर खेलना चाहिए था।”

उन्होंने बताया, ”अंतिम 4 ओवरों में 25 रन की जरूरत थी। डेरेन गॉफ पर कप्तान नासिर हुसैन बहुत ज्यादा भरोसा करते थे। मैंने उनके ओवर में दो चौके लगाए, लेकिन तब भी मैं जानता था कि मैच खत्म नहीं हुआ है। तब फ्लिंटॉफ ने भज्जी को आउट कर दिया। अनिल कुंबले अंपायर के गलत फैसले के कारण पवेलियन लौट गए।”

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कैफ ने कहा, ”48वें ओवर की अंतिम गेंद तक हमें जीत के लिए छह रनों की जरूरत थी। मैंने गॉफ की गेंद को लिफ्ट किया। गेंद थर्ड मैन पर चौके के लिए चली गई। तब भी मैं जीत के प्रति आश्वस्त नहीं था। जहीर ने दो डॉट बाल खेलीं। मैं ड्रेसिंग रूम में आशीष नेहरा को बैठे देख सकता था। मेरे मन में हार का डर था। तीसरी गेंद पर जहीर ने सिंगल लिया। ओवर थ्रो हुई और एक पैनिक रन लिया गया और इस तरह भारत ने दो विकेट से मैच जीत लिया।”

इंग्लैंड में मिली इस यादगार जीत के बाद तत्कालीन भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी शर्ट उतारकर हवा में लहराई और यह लम्हा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यादगार बन गया।

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