देश में किडनी डायलिसिस के लिए ज्यादा अस्पताल न होने या प्राइवेट अस्पतालों में बहुत ज्यादा पैसा लगने के कारण किडनी मरीजों को इस रोग के अलावा भी खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। हालांकि अब दिल्ली में देश का पहला हाईटेक सुविधाओं से लैस किडनी डायलिसिस अस्पताल खोला गया है जिसमें इलाज पूरी तरह फ्री होगा।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से खोले गए गुरु हरिकिशन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च किडनी डायलिसिस अस्पताल का आज सात मार्च को उद्घाटन होने जा रहा है। डीएसजीएमसी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा अस्पताल है जहां कोई कैश काउंटर नहीं होगा। सिर्फ बीमार रोगियों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा। मरीज से एक पैसा नहीं लिया जाएगा।
सिरसा ने बताया कि इस अस्पताल में 50 बेड और 50 हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में मिलने वाली इलेक्ट्रिक चेयर हैं। ऐसा इसलिए किया गया है कि डायलिसिस के दौरान अगर कोई मरीज बेड पर बोरियत या परेशानी महसूस करता है तो वह चेयर पर भी बैठ सकता है। यहां लगाई गई मशीनें और सभी उपकरण जर्मनी से मंगाए गए हैं। सभी मशीनें आधुनिक होने के साथ ही लेटेस्ट टैक्नोलॉजी से लैस हैं।
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यह 100 बेड का किडनी डायलिसिस अस्पताल है जहां रोजाना 500 मरीज तक डायलिसिस करा सकते हैं। यह 100 बेड का किडनी डायलिसिस अस्पताल है जहां रोजाना 500 मरीज तक डायलिसिस करा सकते हैं।
सिरसा आगे बताते हैं कि इस अस्पताल में देश के किसी भी कोने से मरीज आकर डायलिसिस करा सकेगा। एक दिन में करीब 500 मरीजों के किडनी डायलिसिस की सुविधा होगी। एक मरीज का डायलिसिस करीब 3-4 घंटे चलता है ऐसे में 100 बेड पर बारी बारी से लोग इलाज करा सकेंगे। इस अस्पताल के लिए देश के जाने-माने डॉक्टरों को भी भर्ती किया गया है। इनमें कुछ दक्षिण भारत के नेफ्रोलॉजिस्ट भी हैं।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी प्रमुख सिरसा कहते हैं कि सात मार्च को उद्धाटन के दो दिन बाद ही इसमें मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए अभी अस्पताल में ही आकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हालांकि एक हफ्ते बाद यहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा मिल जाएगी। इसके लिए सिस्टम तैयार किया जा रहा है। डीसीजीएमसी की वेबसाइट पर जाकर लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
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इस अस्पताल में डायलिसिस के लिए मरीज को एक भी पैसा नहीं देना पड़ेगा। यहां लगाई गई मशीनें जर्मनी से मंगाई गई हैं। इस अस्पताल में डायलिसिस के लिए मरीज को एक भी पैसा नहीं देना पड़ेगा। यहां लगाई गई मशीनें जर्मनी से मंगाई गई हैं।
चूंकि यह बंगलासाहिब गुरुद्वारे में ही खोला गया है तो यहां पूरे दिन गुरुवाणी चलती रहेगी। लोग इसका आनंद लेंगे। उसके साथ ही मरीजों के अलावा परिजनों के लिए भी खाना-पीना फ्री मिलेगा। गुरुद्वारे के लंगर से ही इनके लिए खाना आएगा। लिहाजा यहां लोगों को इलाज कराने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी।