इटावा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) का 10 अक्टूबर को निधन हुआ था। अगले दिन सैफई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार हुआ। अब मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) की अस्थियों का विसर्जन करने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 17 अक्टूबर को हरिद्वार जाएंगे। इस दौरान अखिलेश के साथ शिवपाल यादव भी मौजूद होंगे।
गम के इस माहौल में कई सपा समर्थक और बड़े नेता अब भी ‘नेता जी’ को श्रद्धांजलि देने सैफई जा रहे हैं। बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, किसी व्यक्ति के निधन के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए 13वें दिन एक धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। इसे तेहरवीं कहा जाता है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की तेरहवीं नहीं होगी।
नहीं होंगी ‘नेता जी’ की तेरहवीं
सपा नेता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन के मुताबिक, ‘नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी। उसकी जगह शांति पाठ और हवन पूजन 21 अक्टूबर को किया जाएगा।’ सुनील सिंह साजन ने बताया कि सैफई के आस-पास के एक-दो जिलों में अब तेरहवीं करने की परंपरा नहीं है। दरअसल, जब नेताजी छोटे थे तब सैफई और आस-पास के इलाकों में भी तेरहवीं होती थी। मगर, जब वह बड़े हुए और राजनीति में आए, तो उन्होंने समाज सुधारक के तौर पर कार्य किया।’
मुलायम सिंह (Mulayam Singh) ने बंद कराई थी तेरहवीं की परंपरा
नेताजी ने ही समाज सुधारकों के साथ मिलकर इस परंपरा को खत्म करने की शुरूआत की। धीरे-धीरे यहां तेरहवीं का कार्यक्रम किया जाना बंद हो गया। तब से ही लोग इसकी जगह शांति पाठ के साथ हवन और पूजा पाठ करने लगे। लिहाजा, नेताजी की भी तेरहवीं नहीं की जाएगी।
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लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन
बता दें कि 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। उनकी उम्र 82 वर्ष थी। मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।