चंडीगढ़. पंजाब के लोगों को न्याय दिलाने की हुंकार के साथ आज नवजोत सिंह सिद्धू ने विधिवत तौर पर पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल ली। उनके साथ चार नये कार्यकारी अध्यक्षों ने भी पदभार संभाल लिया। पदभार ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नयी टीम को आर्शीवाद देने पहुंचे।
इस मौके पर पंजाब पार्टी मामलों के प्रभारी हरीश रावत ,निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड,राजिंदर कौर भट्टल, सभी मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी पदाधिकारी और वरिष्ठ नेताओं सहित भारी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
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इससे पहले सिद्धू मुख्यमंत्री की चाय पार्टी में शरीक हुये लेकिन एक दूसरे के हावभाव सहज दिखाई नहीं दिये। हालांकि समय की नजाकत को भांप मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण समारोह में कुछ सहज नजर आये लेकिन सिद्धू और कैप्टन सिंह के चेहरों पर एक दूसरे को लेकर खुशी दिखाई नहीं दी।
कैप्टन सिंह की चाय पार्टी में सभी मंत्री, विधायक, पूर्व मंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुये लेकिन सिद्धू और मुख्यमंत्री के बीच आपसी दूरियां कम नहीं हुई। सिद्धू पंजाब भवन से जल्द ही कांग्रेस भवन के लिये निकल गये जहां ताजपोशी होनी थी।
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प्रदेश अध्यक्ष पद पर सिद्धू के नाम की घोषणा होने के बाद से कल तक जो घटनाक्रम चला उससे लग रहा था कि कैप्टन सिंह और सिद्धू के बीच तल्खी बरकरार रहेगी और मुख्यमंत्री ताजपोशी में शिरकत नहीं करेंगे लेकिन इसे उनकी बड़प्पन मानें या आलाकमान का निर्देश ,जो उनके तेवर कल शाम तक कुछ नरम पड़े और उन्होंने ताजपोशी में जाने का फैसला किया तथा इससे पहले उन्होंने सिद्धू सहित सभी को सुबह चाय पर बुलाया जिसमें सभी शामिल हुये।
हालांकि दोनों दिल से नहीं दिमाग से मिले। गौरतलब हो कि सिद्धू ने अमृतसर से लेकर खटकडकलां में जो शक्ति प्रदर्शन किया उसमें लगातार कैप्टन खेमे के विधायक दिखायी दिये और कल सिद्धू का न्यौता लेकर चारों कार्यकारी अध्यक्ष कैप्टन सिंह के सिसवां फार्महाउस पहुंचे और कल की ताजपोशी में पधारने का आग्रह किया। इस न्यौता पत्र में साठ से अधिक विधायकों तथा मंत्रियों के हस्ताक्षर थे। कैप्टन सिंह ने कल ही ताजपोशी में जाने की हामी भर दी थी।