लखनऊ। यूपी पुलिस अपराधियों को जिस तरह मुठभेड़ (Encounter) करके पकड़ रही है, उसके इस तरीके पर सवाल भी उठ रहे हैं। हाल ही में सुल्तानपुर लूटकांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर तो बवाल मच गया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर मंगेश यादव की हत्या करने का आरोप लगा दिया था। जबकि बहराइच हिंसा के आरोपी को भी एनकाउंटर के बाद ही पकड़ा गया है। इन तरीकों पर उठ रहे सवालों से बचने के लिए योगी सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है।
डीजीपी की ओर से यूपी पुलिस को एनकाउंटर(Encounter) के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि एनकाउंटर में किसी अपराधी की मौत या घायल होने पर पुलिस को शूटआउट साइट की वीडियोग्राफी करवानी होगी और अपराधी की मौत के बाद दो डॉक्टरों का पैनल शव का पोस्टमार्टम करेगा। इस प्रक्रिया की भी वीडियोग्राफी होगी। इतना ही नहीं जिस जगह पर एनकाउंटर हुआ है, वहां फॉरेंसिक टीम भी जांच करने जाएगी।
एनकाउंटर (Encounter) की गाइडलाइन के 10 प्वाइंट
1- अपराधी और पुलिस टीम के बीच जहां एनकाउंटर (Encounter) हुआ, उस घटनास्थल की वीडियोग्राफी कराई जाए।
2- जिस जगह पर एनकाउंटर हुआ है, वहां फोरेंसिक टीम भी जांच करने जाएगी।
3- एनकाउंटर (Encounter) में मारे गए अपराधी के घरवालों को तत्काल इसकी सूचना दी जाएगी।
4- जहां शूटआउट हुआ, वहां के इलाके की पुलिस जांच नहीं करेगी, बल्कि दूसरे थाने की पुलिस या फिर क्राइम ब्रांच से जांच कराई जाएगी।
5- एनकाउंटर (Encounter) में शामिल अधिकारियों से एक रैंक ऊपर के अफसर ही जांच करेंगे।
6- शूटआउट में इस्तेमाल किए गए हथियारों को सरेंडर करना होगा, इनकी जांच की जाएगी।
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7- अपराधी से बरामद हथियारों का भी बैलस्टिक परीक्षण करना जरूरी होगा।
8- अपराधी की मौत के बाद दो डॉक्टरों का पैनल शव का पोस्टमार्टम करेगा। इस प्रक्रिया की भी वीडियोग्राफी होगी।
9- जिन मामलों में पुलिसकर्मी अथवा अपराधी घायल होते हैं, ऐसे मामलों में दोनों की रिपोर्ट संलग्न की जाए।
10- इन मामलों की न्यायिक जांच में सभी सबूत पेश कराए जाएं ताकि केस का जल्द से जल्द निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके।