नई दिल्ली। डिजिटल न्यूज वेबसाइट Newsclick के फंडिंग केस के मामले में दिल्ली पुलिस ने इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ( Prabir Purkayastha) और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की स्पेशल सेल ने विदेशी फंडिंग की जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद समाचार पोर्टल Newsclick के कार्यालय को भी सील कर दिया है।
बता दें, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में केंद्रित विशेष प्रकोष्ठ की छापेमारी सुबह शुरू हुई। बाद में प्रबीर पुरकायस्थ ( Prabir Purkayastha) को ‘Newsclick ’ के दक्षिणी दिल्ली कार्यालय ले जाया गया। जहां पहले से ही एक फोरेंसिक टीम मौजूद थी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को बताया कि 37 पुरुष संदिग्धों और 9 महिला संदिग्धों से उनके आवास पर पूछताछ की गई। साथ ही डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों की जांच के लिए जब्त/एकत्रित किया गया।
पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल जब्त, ऑफिस भी सील
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में मंगलवार की सुबह Newsclick और उससे जुड़े पत्रकारों के घर पर छापेमारी शुरू की थी। जिन पत्रकारों के घर पुलिस पहुंची उनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती और परंजय गुहा ठाकुरता सहित अन्य लोग है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने एक नया मामला दर्ज किया है। पुलिस उस इनपुट के आधार पर एक्शन ले रही है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साझा किया था। ED की जांच में 3 साल के अंदर 38.05 करोड़ रुपए के फेक विदेशी फंड ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ था। ये पैसे गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों के अलावा कई पत्रकारों को दिए गए थे।
Newsclick के दफ्तरों पर छापा, अभिसार शर्मा सहित कई पत्रकार हिरासत में
इन पैसों के लेनदेन का खुलासा ED की जांच में हुआ था। इसमें एफडीआई के जरिए 9.59 करोड़ रुपये और सर्विस एक्सपोर्ट के बदले 28.46 करोड़ रुपए देने की बात सामने आई थी। चीन से आया पैसा कुछ विदेशी फर्मों के माध्यम से Newsclick तक पहुंचा। यही पैसा Newsclick से जुड़े पत्रकारों को भी दिया गया था।
चीनी कंपनियों से फंडिंग मिलने का मामला
साल 2021 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने Newsclick को मिली अवैध फंडिंग को लेकर मुकदमा दर्ज किया था। ये संदिग्ध फंडिंग चीनी कंपनियों के जरिये Newsclick को मिली थी। इसके बाद ED ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी, हालांकि हाई कोर्ट ने उस वक्त Newsclick के प्रमोटर्स को गिरफ्तारी से राहत दे दी थी।