बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद आज ‘सक्षम बिहार-स्वाबलंबी बिहार’ के नारे के साथ एलान किया कि वर्ष 2015 के चुनाव में जनता से किये गये सात निश्चय पार्ट-एक के वादे को पूरा कर अब वह सात निश्चय पार्ट-दो को लेकर जनता के बीच जायेंगे और फिर से सेवा देने का मौका मांगेंगे।
श्री कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2015 के पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने सात निश्चय सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण, हर घर नल का जल और शौचालय निर्माण घर का सम्मान, आर्थिक हल, युवाओं को बल के तहत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वंय सहायता भत्ता योजना और कुशल युवा कार्यक्रम योजना, हर घर बिजली और घर तक पक्की गली और नाली के निर्माण का वादा किया था।
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इसमें से लगभग सभी काम पूरा हो गया है कुछ बचा है तो वह भी अक्टूबर तक पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अब इस बार के चुनाव में वह ‘सक्षम बिहार-स्वाबलंबी बिहार’ के लिए सात निश्चय पार्ट-दो को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। जनता मालिक है और वह उन्हें फिर से सेवा करने का मौका देगी तो वह इस निश्चय को भी पूरा करेंगे।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि सात निश्चय पार्ट-दो का पहल निश्चय है युवा शक्ति बिहार की प्रगति और इसके तहत युवाओं को नौकरी मिल सके इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। कौशल विकास योजना के जरिये ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जायेगा और हर जिले में मेगा स्किल सेंटर बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि कार्य
कुशलता एवं उद्यमिता के लिए एक नया विभाग भी बनाया जायेगा। उद्यमिता के लिए इस बार हर किसी की मदद की जाएगी।
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श्री कुमार ने कहा कि यह सच है कि कोई भी राज्य या केंद्र सरकार हर शिक्षित व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती है लेकिन वह शिक्षा के साथ उनके कौशल प्रशिक्षण का ऐसा इंतजाम कर सकती है जिससे न सिर्फ उन्हें काम
मिले बल्कि वे दूसरों को भी काम दे सकें। इसके लिए प्रशिक्षण के काम में और सुधार लाने के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाई जायेगी तथा नई तकनीक से जोड़ा जायेगा। इसके लिए बनाये जाने वाले अलग विभाग में आईटीआई और पॉलिटेक्निक समेत ऐसे अन्य संसथानों को भी जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमिता के विकास के लिए नई औद्योगिक नीति बनायी गयी है। उद्यमिता के विकास के लिए अभी अनुसूचित जाति-जनजाति को मदद दी जा रही है लेकिन अब हर वर्ग के किसी भी इच्छुक युवा को मदद दी जाएगी। नये उद्यम में जितना निवेश होगा उसका 50 प्रतिशत न्यूनतम तीन लाख रुपये मदद दी जायेगी। इस संबंध में विस्तार से जानकारी बाद में दी जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरा निश्चय सशक्त महिला सक्षम महिला है। महिला सशक्तिकरण के लिए अब तक उनकी
सरकार ने सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा पूरा कर दिया है। उनकी सरकार ने जीविका समूह
बनाकर उसमें लक्ष्य से अधिक एक करोड़ 20 लाख महिलाओं को जोड़ा गया है। अब दोबारा मौका मिलने पर महिला उद्यमिता के लिए सहायता दी जायेगी । जिस तरह से अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए दस लाख रुपये तक की मदद दी जाती है उसी तरह सभी वर्ग की महिला उद्यमियों को पांच लाख रुपये का कर्ज और पांच लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा। उसमें किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं लगेगा ।