बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के जनसंख्या घनत्व को कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिए बड़ा खतरा बताया और कहा कि इस महामारी और बाढ़ से उत्पन्न विषम परिस्थिति राजनीति करने के लिए नहीं है बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में सबको एकजुट होकर राज्य के लोगों की रक्षा करने का समय है और इसके लिए वह सर्वदलीय समिति बनाने को तैयार हैं।
श्री कुमार ने सोमवार को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के ज्ञान भवन में आहूत सोलहवें विधानसभा के एकदिवसीय अंतिम सत्र (मॉनसून सत्र) में कोरोना और बाढ़ पर हुई विशेष चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि कोविड महामारी और बाढ़ को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह सजग है। एक-एक चीज पर सरकार की नजर है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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उन्होंने कहा कि 2.63 लाख बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में छह-छह हजार रुपये दे दिए गए हैं। दस दिन के अंदर सभी पीड़ितों को राशि मिल जाएगी। लोगों को सहायता करने में जितनी भी जरूरत होगी, सरकार खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का जनसंख्या घनत्व राष्ट्रीय औसत से अधिक है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का तेजी से प्रसार होने का खतरा है। इस परिस्थिति में सभी लोगों के सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से कहा कि आप चाहें तो कोरोना के खिलाफ जंग में साथ मिलकर काम करने के लिए सदन में एक सर्वदलीय समिति बनायें, वह इसके लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वैसे, इस दौर में बयानबाजी करने की आजादी सबको है। जिनको यह करना है करें सरकार अपना काम कर रही है।
श्री कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी और बाढ़ से उत्पन्न विषम परिस्थिति राजनीति करने के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में सबको एकजुट होकर राज्य के लोगों की रक्षा करने का समय है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी कोई राजनीतिक या धार्मिक मुद्दा नहीं है। कोई भी व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है।
शुरुआत में किसी ने सोचा भी नहीं था कि तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमण का इतना अधिक प्रसार हो जाएगा। शुरुआत में संक्रमण के काफी कम मामले थे लेकिन जून और जुलाई में इसमें काफी तेजी आई, कोई नहीं जानता कि यह कितना और बढ़ेगा।