केवडिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे के दूसरे दिन शनिवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी ली और जवानों को राष्ट्र सेवा की शपथ दिलाई।
इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में देश ने जिस एकता के साथ इसका मुकाबला किया। ऐसी ही एकता की कल्पना सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी। देश कोरोना वायरस से उबर भी रहा है और आगे भी बढ़ रह है।
#WATCH Live from Kevadia, Gujarat: PM Modi at Statue of Unity on birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel (source: DD) https://t.co/dIvvuo4LmU
— ANI (@ANI) October 31, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को लेकर कहा कि इससे किसी का भला नहीं होगा। उन्होंने सभी देश की सरकारों, पंथों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने को कहा। पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश वीर बेटों के जाने के दुख को कभी नहीं भूल सकता है।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मैंने भद्दी राजनीति सहन की। पाकिस्तान द्वारा सच स्वीकारने को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है। उससे इन लोगों का असली चेहरा देश के सामने आ गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें ये हमेशा याद रखना है कि हम सभी के लिए सर्वोच्च हित- देशहित है। आज अवसर है इस विराट और भव्य व्यक्तित्व के चरणों मे हम उसी भारत के निर्माण का संकल्प दोहराएं, जिसका सपना सरदार पटेल ने देखा था।
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उन्होंने कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि, देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका उदाहरण है।
उस समय उन वीरों की तरफ देखते हुए मैं विवादों से दूर रहकर सारे आरोपों को झेलता रहा, भद्दी भद्दी बातों को सुनता रहा। दिल पर वीर शहीदों का गहरा घाव था।
हमारी विविधता ही है हमारा अस्तित्व
देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए? देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी। उन्होंने कहा कि आज जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था, तो मन में एक और तस्वीर थी। ये तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो हमले में अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे।
हमारी विविधता ही हमारा अस्तित्व है। हम एक हैं तो असाधारण हैं। हमें ये भी याद रखना है कि भारत की ये एकता, ये ताकत दूसरों को खटकती भी रहती है। हमारी इस विविधता को ही वो हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं। ऐसी ताकतों को पहचानना जरूरी है, सतर्क रहने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकी पीड़ा को भारत भली-भांति जानता है। भारत ने आतंकवाद को हमेशा अपनी एकता से, अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से जवाब दिया है। आज पूरे विश्व को भी एकजुट होकर हर उस ताकत को हराना है जो आतंकवाद के साथ है, आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है।
आज के माहौल में दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।
इस अवसर पर मोदी ने कहा कि आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों में है। आज भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है।
कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है
पीएम मोदी ने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। देश राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साक्षी बना है, और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है। कश्मीर के विकास में जो बाधाएं आ रही थीं, उन्हें पीछे छोड़कर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है। चाहे नॉर्थ ईस्ट में शांति की बहाली हो, या नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
अन्य विरासतों के साथ ही ये कार्य भी सरदार साहब के ही जिम्मे अगर होता, तो आज आजादी के इतने वर्षों बाद ये काम पूरा करने की नौबत मुझपर नहीं आती। सरदार साहब का वो काम अधूरा था। उन्हीं की प्रेरणा से 130 करोड़ देशवासियों को उस कार्य को पूरा करने का भी सौभाग्य मिला।
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विपदाओं और चुनौतियों के बीच ही देश ने ऐसे काम किए है जो कभी असंभव मान लिए गए थे। इसी मुश्किल समय में धारा 370 हटने के बाद कश्मीर ने समावेश का एक साल पूरा किया। हमारे कोरोना वारियर्स हमारे पुलिस के अनेक होनहार साथियों ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अपना जीवन दे दिया। आजादी के बाद मानव सेवा और सुरक्षा के लिए जीवन देना इस देश के पुलिस बेड़े की विशेषता रही है।
आज भारत कोरोना से उबर भी रहा है और एकजुट होकर आगे भी बढ़ रहा है। ये वैसी ही एकजुटता है जिसकी कल्पना लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी। कोरोना वारियर्स के सम्मान में 130 करोड़ देशवासियों ने एक होकर जो जज्बा दिखाया, एकता का जो संदेश दिया, उसने 8 महीने से हमें इस संकट से लड़ने, जूझने और विजयपथ पर आगे बढ़ने की ताकत दी है।
भारत की ताकत हमें हर आपदा से, हर विपत्ति से लड़ना और जीतना सिखाती है। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि पूरी मानवजाति को कोरोना जैसी महामारी की सामना करना पड़ेगा। लेकिन इस महामारी के सामने देश ने जिस तरह अपने सामूहिक सामर्थ्य को, अपनी सामूहिक इच्छाशक्ति को साबित किया वो अभूतपूर्व है।
भारत के लिए इस अद्भुद भावना को आज हम यहां मां नर्मदा के किनारे सरदार साहब की भव्य प्रतिमा की छांव में और करीब से महसूस कर सकते हैं। भारत की यही ताकत हमें हर आपदा से, हर विपत्ति से लड़ना सिखाती है और जीतना भी सिखाती है।
भगवान श्रीराम के आदर्श, उनके संस्कार अगर आज भारत के कोने-कोने में हमें एक दूसरे से जोड़ रहे हैं, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय महर्षि वाल्मिकी जी को ही जाता है। राष्ट्र और मातृभूमि को सबसे बढ़कर मानने का महर्षि वाल्मीकि का जो मंत्र था, वही आज राष्ट्र प्रथम का मजबूत आधार है।