इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ एक बार फिर गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। इस बार इमरान खान पर एक महिला न्यायाधीश को कथित तौर पर धमकाने के आरोप में स्थानीय कोर्ट ने यह वारंट जारी किया है। वहीं मजिस्ट्रेट मलिक अमन ने सुनवाई के दौरान इमरान खान को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की याचिका खारिज कर दी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इमरान खान (Imran Khan) के वकील द्वारा 30 मार्च को पेश होने की अनुमति देने की याचिका को भी खारिज कर दिया। मामले में अभियोजन पक्ष के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें गिरफ्तारी वारंट की समय सीमा में ही पेश होना चाहिए था। कोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर उन्हें 18 अप्रैल को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।
मामले में 24 मार्च को पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने इमरान खान के गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया। उन्हें 29 मार्च तक पेश होना था, लेकिन वो कोर्ट नहीं पहुंचे। इससे पहले वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश राणा मुजाहिद रहीम ने 13 मार्च को मामले में खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
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इमरान खान (Imran Khan) ने पिछले साल अगस्त में एक भाषण के दौरान अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी और इस्लामाबाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया था। खान पर पाकिस्तान दंड संहिता और आतंकवाद विरोधी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने भी उनके खिलाफ अदालती कार्यवाही की अवमानना शुरू की। बाद में आतंकवाद के आरोप हटा दिए गए।