प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 सितंबर को ऐतिहासिक कोसी महासेतु सहित यात्री सुविधा से जुड़ी 12 रेल परियोजनाओं को बिहार की जनता को समर्पित करेंगे।
पूर्व-मध्य रेल (ईसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बुधवार को यहां कहा कि श्री मोदी 18 सितंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऐतिहासिक कोसी महासेतु सहित यात्री सुविधा से जुड़ी 12 रेल परियोजनाओं को बिहार की जनता को समर्पित करेंगे। प्रारंभ होने वाली परियोजनाओं में कोसी महासेतु, किउल नदी पर नया रेल पुल, दो नई रेल लाइन परियोजना, पांच विद्युतीकरण परियोजना, एक इलेक्ट्रिक लोको शेड एवं एक तीसरी रेल लाइन परियोजना शामिल है।
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श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 1887 में ब्रिटिश काल के दौरान निर्मली और भपटियाही के बीच कोसी की सहायक तिलयुगा नदी पर लगभग 250 फुट लंबा मीटर गेज रेल पुल का निर्माण किया गया था लेकिन वर्ष 1934 में आई भीषण बाढ और विनाशकारी भूकंप में यह मीटर गेज रेल पुल ध्वस्त हो गया। इसके बाद वर्ष 2003-04 में कोसी महासेतु नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि कोसी रेल महासेतु की कुल लंबाई 1.9 किलोमीटर है, जिसके निर्माण पर कुल 516 करोड़ रुपये की लागत आई है। भारत-नेपाल सीमा के लिए सामरिक दृष्किोण से भी यह रेल महासेतु काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को कोविड महामारी के दौरान ही अंतिम रूप दिया गया, जिसमें प्रवासी श्रमिकों की भी सेवा ली गई। इस तरह बिहार विशेषकर कोसी क्षेत्र के लोगों का 86 वर्ष पुराना सपना अब साकार होने जा रहा है।
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श्री कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ऐतिहासिक और चिर-प्रतीक्षित कोसी रेल महासेतु राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही सहरसा-आसनपुर कुपहा डेमू ट्रेन का सुपौल स्टेशन से शुभारंभ करेगे। परिचालन प्रारंभ हो जाने के बाद सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को काफी लाभ होगा। साथ ही इस क्षेत्र के लोगों के लिए कोलकाता, दिल्ली और मुंबई तक की लंबी दूरी की ट्रेनों से यात्रा करना काफी सुविधाजनक हो जाएगा।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि सहरसा-सरायगढ़-आसनपुर कुपहा रेलखंड की कुल लंबाई 64 किलोमीटर है, जिसमें सहरसा से सुपौल 26 किलोमीटर तक ट्रेनों का परिचालन जारी है। अब कोसी रेल महासेतु बन जाने के बाद सुपौल से आसनपुर कुपहा तक ट्रेन परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
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श्री कुमार ने कहा कि इसी क्रम में प्रधानमंत्री हाजीपुर-घोसवर-वैशाली (450 करोड़ रुपये) तथा इसलामपुर-नटेसर (409 करोड़ रुपये) नई रेल लाइन परियोजना एवं करनौती-बख्तियारपुर लिंक बाईपास तथा बख्तियारपुर-बाढ़ के बीच तीसरी लाईन परियोजना (240 करोड़ रुपये) को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी (65 करोड़ रुपये), कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी (505 करोड़ रुपये), समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर (390 करोड़ रुपये), समस्तीपुर-खगड़िया (120 करोड़ रुपये), भागलपुर-शिवनारायणपुर (75 करोड़ रुपये) विद्युतीकृत रेलखंड को राष्ट्र को समर्पण एवं इसपर विद्युत इंजन से ट्रेनों के परिचालन का शुभारंभ किया जाएगा।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान, केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री देबाश्री चौधरी, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री विनोद कुमार सिंह, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री गौतम देव, पश्चिम बंगाल के पर्यटन मंत्री सहित अन्य गणमान्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे।