तालिबान के इतिहास को देखते हुए पूरी दुनिया आशंकित थी कि कहीं अफगानिस्तान की धरती आतंकियों के लिए पनाहगार न बन जाए। अब तालिबान के शासन के बाद अफगानिस्तान में खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन का पूर्व सहयोगी वापस लौट आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान के नांगहार प्रांत में अल-कायदा का आतंकी अमीन-उल-हक मौजूद है।
अमीन-उल-हक पूर्व अलकायदा चीफ और खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का काफी करीबी सहयोगी था। लादेन 9/11 आतंकी हमले में अमेरिका का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी था, जिसको ढूंढने के लिए साल 2001 में अमेरिकी और नाटो की सेनाएं अफगानिस्तान गई थीं। बाद में कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद अमेरिकी सेना ने 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में लादेन और उसके परिवार के कई सदस्यों को उसके घर पर एक खास ऑपरेशन में मार गिराया था।
अफगानिस्तान की तोरा-बोरा की पहाड़ियों पर आतंकी ओसामा के छिपे होने की आशंका जताई गई थी। इसके बाद उसे ढूंढने के लिए अमेरिका ने ऑपरेशन की शुरुआत की थी। अमीन-उल-हक यहीं पर ओसामा बिन लादेन का सिक्योरिटी इनचार्ज भी रहा था. वह 80 के दशक में लादेन के तब करीब आया था जब उसने मकतबा अखिदमत में अब्दुल्ला आजम के साथ काम किया था।
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तालिबान जहां आधिकारिक रूप से अफगानिस्तान में अगली सरकार की तैयारी कर रहा है, तो वहीं, उसके लीडर्स वापसी करने लगे हैं। काबुल पर कब्जे के बाद जहां मुल्ला अली बरादर अन्य लीडर्स के साथ वापस आया तो वहीं, अब तालिबान ने बताया है कि उसका सुप्रीम लीडर हिबतुल्ला अखुंदजादा भी कंधार में ही है और जल्द ही सार्वजनिक उपस्थिति भी दर्ज करवाएगा। अखुंदजादा को काफी कम बार देखा गया है। अब उसकी एक नई तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह एक जगह बैठा हुआ दिखाई दे रहा है और सफेद रंग के कपड़े पहने हुए हैं। उसके चेहरे पर भी स्माइल देखी जा सकती है।
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही पाकिस्तान के आतंकी काफी खुश बताए जा रहे हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मौलाना मसूद अजहर अगस्त के तीसरे हफ्ते में कंधार में था, जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। मसूद अजहर ने मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सहित तालिबान के कई नेताओं से मुलाकात की थी। सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर ने कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशन के लिए तालिबान से मदद की भी मांग की।