• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

वक्फ संशोधन विधेयक पर लगी संसद की मुहर, अब लेगा कानून की शक्ल

Writer D by Writer D
04/04/2025
in Main Slider, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
Waqf Amendment Bill

Waqf Amendment Bill

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। राज्यसभा ने वक्फ बोर्डों की जवाबदेही , पारदर्शिता तथा दक्षता बढाने के लिए लाये गये वक्फ (संशोधन) विधेयक v2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2025 को विपक्षी सदस्यों के सभी संशोधनों को खारिज करते हुए शुक्रवार तड़के मतविभाजन के जरिये 93 के मुकाबले 128 मतों से पारित कर दिया। इस तरह से इस पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

सदन ने द्रमुक के तिरूचि शिवा के एक संशोधन प्रस्ताव को भी मतविभाजन के जरिये खारिज किया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 92 और विपक्ष में 125 मत पड़े। विपक्षी दलों के अनेक सदस्यों ने विधेयक के तकरीबन हर अनुच्छेद में संशोधन के प्रस्ताव दिये थे लेकिन सदन ने इन सभी प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया।

सभापति जगदीप धनखड़ ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने से जुड़े सांवधिक संकल्प को ध्वनिमत से मंजूर किये जाने के बाद तड़के चार बजे के बाद सदन को बताया कि पहले इस विधेयक (Waqf Amendment Bill) पर मतविभाजन में पक्ष में 128 और विपक्ष के 95 मत पड़े थे लेकिन जब सभी पर्चियों और इलेक्ट्रानिक मतों का मिलान किया गया तो यह पाया गया कि दो सदस्य सुश्री डोला सेन और श्री सुब्राता बक्शी अपनी अपनी सीट से इलेक्ट्रानिक तरीके से मतदान नहीं किये थे। सुश्री सेन अपनी निर्धारित सीट 151 पर और श्री बक्शी सीट नंबर 133 से मतदान नहीं किये थे जिसके कारण नियम के अनुसार इन दोनों मतों को निरस्त कर दिया गया है।
इस तरह से विपक्ष में पड़े 95 में से दो मत निरस्त करने के बाद 93 मत रह गये। ये दोनों सदस्य तृणमूल कांग्रेस के हैं और पार्टी ने सदन में इस विधेयक के विरोध में मतदान किया था।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पर करीब तेरह घंटे चली चर्चा का देर रात सवा एक बजे बेहद संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक (Waqf Amendment Bill) किसी की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के अधिक से अधिक लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने विधेयक (Waqf Amendment Bill) में संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों तथा देश भर के अन्य हितधारकों के ज्यादा से ज्यादा सुझावों को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि मसौदा विधेयक और मूल विधेयक के स्वरूपों को देखकर इस बात का भलीभांति अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार ने सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जिन संपत्तियों के दस्तावेज हैं उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जायेगी।

लोकसभा में पेश हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, विपक्ष का विरोध शुरू

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि देश के मुसलमान गरीब हैं तो सोचने की बात है कि वे किसके कारण गरीब हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में सबसे अधिक समय तक सरकार तो कांग्रेस की ही रही है। वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है तो इस तरह की संस्थाओं का धर्मनिरपेक्ष होना जरूरी है इसलिए इसमें मुस्लिम समुदाय से अलग कुछ लोगों को शामिल किया जा रहा है लेकिन उनका बहुमत नहीं रहेगा और वक्फ बोर्ड का प्रबंधन मुस्लिमों के पास ही रहेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश भर से अनेक शिष्टमंडलों ने वक्फ बोर्डों में एकाधिकार को समाप्त करने की मांग की थी और इसे ध्यान में रखकर विधेयक में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर इसे समावेशी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से मुसलमानों का फायदा होने वाला है और विपक्ष को लोगों को बेवजह गुमराह नहीं करना चाहिए।

उनके जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संशाेधन के प्रस्ताव कांग्रेस के नासिर हुसैन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के पी संदोष कुमार, जॉन ब्रिटास , माकपा के ए ए रहीम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वी शिवादासन , राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की फौजिया खान, द्रमुक के तिरूचि शिवा , द्रमुक की कनिमोझी एन वी एन सोमू , आई यू एम एल के अब्दुल वहाब और भाकपा के पी पी सुनीर आदि सदस्यों ने दिये थे।

Tags: Waqf Amendment Bill
Previous Post

अभिनेता मनोज कुमार ने दुनिया को कहा अलविदा, 87 साल की उम्र में हुआ निधन

Next Post

पीएम मोदी ने मनोज कुमार के निधन पर जताया शोक, शेयर की पुरानी तस्वीर

Writer D

Writer D

Related Posts

AK Sharma participated virtually in the 6th International Energy Conference
उत्तर प्रदेश

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य: एके शर्मा

23/09/2025
Meera Singh
उत्तर प्रदेश

मत्स्य पालन में आत्मनिर्भरता की मिसाल बनीं मीरा सिंह, अपने साथ 10 अधिक लोगों को दे रही रोजगार

23/09/2025
CM Dhami visited shops under the "GST Bachat Utsav"
राजनीति

नई दरों से प्रदेश के लाखों परिवारों और छोटे व्यापारियों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलेगा: सीएम धामी

23/09/2025
Savin Bansal
राजनीति

बिजली, सड़क, पेयजल का पुनर्स्थापन; घर, खेत, फसल का त्वरित मुआवजा हमारी प्राथमिकताः डीएम

23/09/2025
Navdeep Rinwa
उत्तर प्रदेश

प्रदेश के सभी 18 मण्डलायुक्तों को वोटर लिस्ट की तैयारियों एवं एसआईआर तथा निर्वाचन के संबंध में दी गयी गहन जानकारी

23/09/2025
Next Post
PM Modi expressed grief over the death of Manoj Kumar

पीएम मोदी ने मनोज कुमार के निधन पर जताया शोक, शेयर की पुरानी तस्वीर

यह भी पढ़ें

Ayodhya Dham

रामोत्सव 2024: राम का लेकर नाम, जनता को समर्पित होगा नव्य ‘अयोध्या धाम’

29/12/2023
Blanket

निराश्रितों को ठंड से बचाने को ‘सड़क’ पर तत्पर योगी सरकार

07/01/2023
CM Dhami

सीएम धामी के जल संरक्षण की मुहिम को प्राधिकरण चढ़ाएगा परवान

24/06/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version