उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने आज कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले।
सरकार सड़क पर सत्याग्रह कर रहे एक करोड़ से अधिक किसानों की मूल समस्या को समझे और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को समाप्त करे। उन्होंने चेतावनी दी कि किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन उग्र भी हो सकता है।
नेता प्रतिपक्ष आज बाँसडीह विधानसभा क्षेत्र के मनियर ब्लाक के बड़ागांव में समाजवादी पार्टी के घेरा चौपाल को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत किसानों का देश है। होना यह चाहिए कि उत्पादित सामानों का मूल्य निर्धारण किसान खुद करे लेकिन हो रहा है ठीक उलट। यहाँ किसान के हाथ में केवल लाचारी है।
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कोई भी सामान जब किसान पैदा करता है तो उसका बाजार मूल्य लागत से भी कम पर आ जाता है। वही सामान जब अम्बानी अडानी या इनके जैसे बड़े व्यापारियों के हाथ में होता है तो उसका मूल्य आसमान छूने लगता है।
उन्होंने कहा कि इस उल्टी व्यवस्था से किसान एक लाचार व्यक्ति के रूप में जी रहा है। किसानों की यह लाचार स्थिति किसी भी हाल में समाप्त होनी चाहिए।
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देश के एक करोड़ से अधिक किसान सड़क पर सत्याग्रह कर रहे हैं। किसानों के इस शांतिपूर्ण आंदोलन ने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। हर संवेदनशील आदमी इस सत्याग्रह का समर्थन कर रहा है और भारत सरकार के मंत्री इस आन्दोलन के खिलाफ लगातार अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं।उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि वह किसानों के धैर्य की परीक्षा लेने से बाज आए। यह शांतिपूर्ण आंदोलन उग्र हो सकता है।