Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

परिवार नियोजन के लिए लोगों को बाध्य नहीं कर सकते- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट Supreme Court

Supreme Court

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भारत अपने लोगों को परिवार नियोजन के लिए बाध्य करने और बच्चा पैदा करने की संख्या निर्धारित करने के खिलाफ है। यह जनसांख्यिकीय विकृतियों की ओर ले जाता है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में परिवार कल्याण कार्यक्रम स्वैच्छिक है।

रजनीकांत 70 साल के हुए, जन्मदिन पर पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने दी शुभकामनाएं

मंत्रालय ने यह जवाब भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में दिया। इस याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने देश की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए दो- बच्चों की नीति सहित कुछ अन्य कदमों की मांग को खारिज कर दिया था।

Ind vs Aus: पृथ्वी शॉ सस्ते में हुए आउट, ट्विटर पर क्रिकेट फैंस ने लगाई उनकी क्लास

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ एक राज्य के अंतरगत आने वाला विषय है और राज्य सरकारों को स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधारों की प्रक्रिया का नेतृत्व करना चाहिए, ताकि आम लोगों को स्वास्थ्य संकट से बचाया जा सके। इस दौरान मंत्रालय ने कहा कि दिशानिर्देशों और योजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रभावी निगरानी और हस्तक्षेप के माध्यम से राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार ला सकती है।

कनाडा, मेक्‍सिको से अमेरिका में आने वाले यात्रियों पर 21 जनवरी तक रोक

मंत्रालय ने कहा कि जहां तक राज्यों में दिशानिर्देशों और योजनाओं के कार्यान्वयन का संबंध है, इसमें उसकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार योजनाओं को लागू करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के पास विशेषाधिकार है। मंत्रालय केवल अनुमोदित योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को धन आवंटित करता है।

Exit mobile version