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पीएम मोदी हैं देश के संघीय ढांचे के खिलाफ : दिग्विजय सिंह

Desk by Desk
04/02/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
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दिग्विजय सिंह Digvijay Singh

दिग्विजय सिंह

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री संघीय ढांचे के खिलाफ हैं। क्योंकि उन्होंने राज्यों से परामर्श किए बिना और किसी पूर्व सूचना के बिना लॉकडाउन लगा दिया था।

सिंह ने कहा कि यह सदन राज्यों का सदन है। यह मेरा आरोप है कि प्रधानमंत्री संघीय ढांचे के खिलाफ हैं ,क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्रियों से सलाह नहीं ली और लॉकडाउन लगा दिया। सिंगापुर जैसे देशों ने लॉकडाउन लगाने से आठ दिन पहले सूचना दी थी।

कांग्रेस नेता ने भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी हमला किया है। कहा कि किस तरह से मध्य प्रदेश सरकार को गिराने के लिए कोविड के खतरे को नजरअंदाज किया गया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार अब किसानों के विरोध को नजरअंदाज कर रही है। इस दौरान पूछा कि राजनाथ सिंह, जो पहले किसान आंदोलन में सबसे आगे थे, उनको समिति में नहीं रखा गया, लेकिन पीयूष गोयल, जिनका किसानों से कोई लेना-देना नहीं है, उनको रखा गया है।

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उन्होंने कहा कि असंतोष लोकतंत्र का सार है। कहा कि असंतुष्टों के खिलाफ विभिन्न मामलों में केस दर्ज किया जा रहा है और जमानत भी नहीं दी जा रही है। इससे पहले बहस के दौरान, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज झा ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की। उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब और हरियाणा में बिहार के मॉडल को दोहराने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार में 2006 में एपीएमसी एक्ट के खत्म हो जाने के बाद राज्य एक श्रमिक आपूर्ति राज्य बन गया है क्योंकि किसान मजदूर बन गए हैं। राजद सांसद ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के साथ व्यवहार किया गया है वह नहीं होना चाहिए था और पानी और बिजली आपूर्ति को रोकना अमानवीय था।

सांसद ने कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और कानून वापस लेना चाहिए और बहुमत का इस्तेमाल इस्तेमाल इस मुद्दे को दबाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

Tags: Congress MP Digvijay SinghDigvijay Singhfederal structurePresident's addressprime ministerकांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंहदिग्विजय सिंहधन्यवाद प्रस्तावप्रधानमंत्रीराष्ट्रपति अभिभाषणसंघीय ढांचे
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