अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने त्रेतायुग में तीनों लोकों की राजधानी रही अयोध्या (Ayodhya) के सैकड़ों वर्षों के धूलधूसरित इतिहास की गर्द हटा कर भगवान राम की नगरी के वैभव को आज कई गुना बढ़ा दिया।
श्री मोदी (PM Modi) अपने विशेष विमान से शनिवार प्रातः अयोध्या के नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे और वहां से अयोध्या के धर्मपथ और रामपथ पर रोड शो में शामिल हुए। अयोध्या आगमन पर श्री मोदी का साधु संतों ने शंखनाद, डमरू वादन, स्वस्ति वाचन एवं मंत्रोच्चार से स्वागत अभिनंदन किया। रोड शो के दौरान हजारों अयोध्या वासियों ने प्रधानमंत्री का पुष्पवर्षा करके स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं बृजेश पाठक, केंद्रीय रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रानिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा राज्य सरकार के अनेक मंत्री एवं शीर्ष अधिकारी भी प्रधानमंत्री के साथ मौजूद थे।
इसके बाद प्रधानमंत्री (PM Modi) पुनर्विकसित अयोध्या धाम स्टेशन पहुंचे जहां उन्होंने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन और नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के साथ ही अयोध्या – दिल्ली वंदे भारत और दिल्ली दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का शुभारंभ तथा नगरीय विकास एवं सौन्दर्यीकरण की लगभग 15 हज़ार 700 करोड़ रुपए की अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए लगभग 11 हजार 100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं और पूरे उत्तर प्रदेश में अन्य परियोजनाओं से संबंधित लगभग 4600 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल हैं।
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण का पहला चरण करीब-करीब पूरा होने वाला है और सूर्यनारायण के उत्तरायण होते ही रामलला के नवीन विग्रह की जन्मभूमि के गर्भगृह में स्थापना का अनुष्ठान आरंभ होगा और प्रधानमंत्री के कर कमलों से 22 जनवरी को रामलला के नये विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
प्रधानमंत्री (PM Modi) का दृष्टिकोण अयोध्या में आधुनिक विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास करना, कनेक्टिविटी में सुधार करना और शहर के समृद्ध इतिहास और विरासत के अनुरूप नागरिक सुविधाओं को पुनर्जीवित करना है।
पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का पहला चरण 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। तीन मंजिला आधुनिक रेलवे स्टेशन की इमारत लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा, पूजा की जरूरतों के लिए दुकानें, क्लॉक रूम, चाइल्ड केयर रूम, वेटिंग हॉल जैसी सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री देश में सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों की एक नई श्रेणी – अमृत भारत एक्सप्रेस का लोकार्पण किया। उन्होंने इस नये ट्रेन सेट की दो सेवाओं – दरभंगा-अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस और मालदा टाउन-सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनस (बेंगलुरु) ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन गैर वातानुकूलित डिब्बों वाली एक एलएचबी पुश पुल ट्रेन सेट है। बेहतर त्वरण के लिए इस ट्रेन के दोनों छोर पर 6000 अश्वशक्ति वाले दो लोको हैं। यह रेल यात्रियों के लिए सुंदर और आकर्षक डिजाइन वाली सीटें, बेहतर सामान रैक, उपयुक्त मोबाइल होल्डर के साथ मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, एलईडी लाइट, सीसीटीवी, सार्वजनिक सूचना प्रणाली जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान करता है।
श्री मोदी (PM Modi) ने छह नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई जिनमें श्री माता वैष्णो देवी कटरा -नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; अमृतसर -दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; कोयंबटूर -बेंगलुरु छावनी वंदे भारत एक्सप्रेस; मैंगलोर -मडगांव वंदे भारत एक्सप्रेस; जालना-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस और अयोध्या -आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं।
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने उत्तर प्रदेश में रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2300 करोड़ रुपये की तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में रूमा चकेरी -चंदेरी तीसरी लाइन परियोजना, जौनपुर -अयोध्या -बाराबंकी दोहरीकरण परियोजना के जौनपुर -तुलसी नगर, अकबरपुर-अयोध्या, सोहावल -पटरंगा और सफदरगंज -रसौली खंड और मल्हौर -डालीगंज रेलवे खंड का दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजना शामिल हैं।
अयोध्या के अत्याधुनिक हवाई अड्डे के पहले चरण को 1450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 6500 वर्गमीटर है, जो सालाना लगभग 10 लाख यात्रियों की सेवा के लिए सुसज्जित किया गया है। टर्मिनल बिल्डिंग का अग्रभाग अयोध्या के आगामी श्री राममंदिर की वास्तुकला को दर्शाता है। टर्मिनल बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्सों को भगवान श्री राम के जीवन को दर्शाने वाली स्थानीय कला, पेंटिंग और भित्तिचित्रों से सजाया गया है। अयोध्या हवाई अड्डे का टर्मिनल भवन विभिन्न स्थिरता सुविधाओं से सुसज्जित है।
अयोध्या में नागरिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए श्री राम जन्मभूमि मंदिर तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री अयोध्या में चार नव पुनर्विकसित, चौड़ी और सुंदरीकृत सड़कों – रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्री राम जन्मभूमि पथ का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने अयोध्या में नागरिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और अयोध्या और उसके आसपास सार्वजनिक स्थानों के सुन्दरीकरण की परियोजनाओं – राजर्षि दशरथ स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय; अयोध्या-सुल्तानपुर रोड-हवाई अड्डे को जोड़ने वाली चार-लेन सड़क; एनएच-27 बाईपास महोबरा बाजार होते हुए टेढ़ी बाजार श्री राम जन्मभूमि तक 4-लेन सड़क; शहर भर में कई सुंदर सड़कें और अयोध्या बाईपास; एनएच-330ए का जगदीशपुर-फ़ैज़ाबाद खंड; महोली-बड़ागांव-ड्योढ़ी मार्ग और जसरपुर-भाऊपुर-गंगारामन -सुरेशनगर मार्ग का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण; पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी; ग्राम पिखरौली में ठोस अपशिष्ट उपचार संयंत्र; और डॉ. ब्रजकिशोर होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल में नई इमारतें और कक्षाएँ आदि के साथ ही मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना कार्य, पांच पार्किंग और वाणिज्यिक सुविधाओं से संबंधित कार्यों का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने अयोध्या में नागरिक सुविधाओं के सुधार और साथ ही शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करने के लिए नगर के चार ऐतिहासिक प्रवेश द्वारों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण; गुप्तार घाट और राजघाट के बीच नए कंक्रीट घाट और पूर्व-निर्मित घाटों का पुनर्वास; नया घाट से लक्ष्मण घाट तक पर्यटक सुविधाओं का विकास एवं सौन्दर्यीकरण, राम की पैड़ी पर दीपोत्सव और अन्य मेलों के लिए आगंतुक गैलरी का निर्माण; राम की पैड़ी से राजघाट और राजघाट से राम मंदिर तक तीर्थ पथ का सुदृढ़ीकरण और नवीनीकरण परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
श्री मोदी ने अयोध्या में 2180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली ग्रीनफील्ड टाउनशिप और लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाली वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने एनएच -28 (नया एनएच-27) लखनऊ-अयोध्या खंड; अयोध्या बाईपास एनएच-28 (नया एनएच-27) का सुदृढ़ीकरण और संशोधन; अयोध्या में सीआईपीईटी केन्द्र की स्थापना तथा नगर निगम अयोध्या एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण कार्यालय का निर्माण कार्य की आधारशिला भी रखी।
उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,“ दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत हमें प्रेरणा देती है, हमें सही मार्ग दिखाती है। इसलिए आज का भारत, पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पक्का घर सिर्फ रामलला को ही नहीं, बल्कि पक्का घर देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है। आज का भारत अपने तीर्थों को भी संवार रहा है, वहीं डिजिटल टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी छाया हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी रामायण में बताते हैं कि महान अयोध्यापुरी धन-धान्य से परिपूर्ण थी, समृद्धि के शिखर पर थी और आनंद से भरी हुई थी। यानी, अयोध्या में विज्ञान और वैराग्य तो था ही, उसका वैभव भी शिखर पर था। अयोध्या नगरी की उसी पुरातन पहचान को हमें आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमारी अयोध्या अवध क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को दिशा देने वाली है।
इस तरह से प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा और पुराने विग्रह की पुनर्स्थापना के पहले नगर की आभा बढ़ा दी। अयोध्या के इतिहास में 30 दिसम्बर की तारीख एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गई। नगर के पुराने मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण से अयोध्या का चेहरा बदल गया। शहर की सड़कों पर आकर्षक स्ट्रीट लाइट, दीवारों पर एक समान रंगरोगन, रामायण की कथाओं के चित्रण शहर की शोभा बढ़ गई है। विभिन्न मंदिरों में रंगरोगन और साजसज्जा की जा रही है। सरयू के तट का विकास किया गया है। किंवदंती है कि भगवान राम के साकेत धाम प्रस्थान के बाद अयोध्या श्रीहीन हो गई थी। अब अयोध्या के तीव्र गति से हो रहे विकास को देख कर आगन्तुक दांतों तले उंगलियां दबा ले रहे हैं।
श्री मोदी ने दोपहर को सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान, उत्तर प्रदेश में अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया । इनमें गोसाईं की बाजार बाईपास-वाराणसी (घाघरा ब्रिज-वाराणसी) (एनएच-233) का चार-लेन चौड़ीकरण शामिल है; एनएच-730 के खुटार से लखीमपुर खंड का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन; अमेठी जिले के त्रिशुंडी में एलपीजी संयंत्र की क्षमता वृद्धि; पंखा में 30 एमएलडी और जाजमऊ, कानपुर में 130 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट; उन्नाव जिले में नालियों को रोकना और मोड़ना तथा सीवेज उपचार कार्य; और कानपुर के जाजमऊ में टेनरी क्लस्टर के लिए सीईटीपी शामिल हैं।