कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान बुद्ध की धरती कुशीनगर से बौद्ध और सनातन धर्म के धार्मिक-आध्यात्मिक चेतना को साधेंगे। बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली होने के कारण कुशीनगर की न सिर्फ आध्यात्मिक चेतना को पुनः वैश्विक बनाने का यह प्रयास होगा, बल्कि सनातनी परंपरा को भी संसार में फैलाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
सांस्कृतिक संबंधों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार होगा और त्रेतायुग के भगवान श्रीराम से जुड़े श्रीलंका से सांस्कृतिक-व्यापारिक संबंध परवान चढ़ेंगे। शायद यही वजह है कि कुशीनगर से श्रीलंका के लिए होने वाली पहली उड़ान में श्रीलंकाई सरकार के विमान की लैंडिंग व टेकऑफ को चुना गया है। इस प्रयास से सरकार ने बौद्ध और सनातनी धार्मिक-आध्यात्मिक चेतना को एक साथ पिरोने की मंशा रखी है। पहली उड़ान में श्रीलंका सरकार के प्रतिनधिमण्डल व बौद्ध भिक्षु शामिल कर भारतीय धरती से भरी जाने वाली उड़ान इस ओर ही इंगित कर रही है।
40 लाख आबादी की सेहत को सुधारने का प्रयास
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ ही पूर्वांचल विकास की उड़ान भरने को तैयार हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज मिलने से कुशीनगर की 40 लाख की आबादी को सेहत सुधारने का जरिया मिलेगा। इंसेफेलाइटिस प्रभावित इलाके के रूप में विख्यात कुशीनगर के नौनिहालों की लंबी आयु की उम्मीद जगेगी। पूर्वांचल का कुशीनगर जिला अब नौजवानी का स्वाद भी चखेगा। जवान होने से पहले ही काल के गाल में समाने वाले नौनिहालों की किलकारियां अब युवा के उद्घोष के रूप में बदल सकेंगी। 12 अन्य परियोजनाएं आमजन के जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आएगा।
नई उड़ान भरने को तैयार होगा कुशीनगर
अब कुशीनगर 20 अक्टूबर से विकास की नई उड़ान भरने को तैयार होगा। इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली का ऐतिहासिक गौरव समृद्ध होगा। बाढ़ सुरक्षा, सड़क व ज्ञानालयों से जुड़ीं परियोजनाएं जिले की खुशहाली बढ़ाएंगी। शैक्षिक वातावरण तैयार होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के केस जिले में भी होनहारों की खेप तैयार होने लगेगी। अश्विन पूर्णिमा की पावन तिथि में कुशीनगर को मिलने वाले इन सारे कार्यक्रमों के शिल्पकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेक मंशा इसमें साफ़ झलक रही है।
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कुशीनगर को विकास का पहिया लगाने से होने वाला विकास अब शायद कभी नहीं थमेगा। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिये जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास का नया द्वार बनाने की तैयारी है, वहीं शरद पूर्णिमा पर मिलने वाला मेडिकल कॉलेज का उपहार किसी ”अमृत” से कम नहीं है।
कहते हैं जानकर
वरिष्ठ पत्रकार राजीवदत्त पांडेय की मानें तो लगभग 589 एकड़ में फैले और 260 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के एप्रन पर चार बड़े हवाई जहाजों के एक साथ खड़े होने से इस क्षेत्र के साथ बिहार और पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को पंख लगेंगे। कुछ ही घंटों में देश-विदेश की यात्रा कर आजीविका, व्यवसाय, उद्योग आदि को गति दे सकेंगे। इतना ही नहीं, 3200 मीटर वाले प्रदेश के सबसे बड़े रनवे वाले इस एयरपोर्ट के क्रियाशील होने से पर्यटन विकास, निवेश, रोजगार का बड़ा प्लेटफॉर्म होगा।