आज है विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) है। इस दिन फैक्ट्रियों और कारखानों में विशेष पूजा होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल विश्वकर्मा पूजा आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन होती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। भगवान विश्वकर्मा के जन्म को देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से माना जाता है। पौराणिक युग के अस्त्र और शस्त्र, भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही निर्मित हैं। वज्र का निर्माण भी उन्होंने ही किया था।
भगवान विश्वकर्मा ने ही स्वर्ण से निर्मित लंका महल का निर्माण किया था। इसके अलावा भगवान विश्वकर्मा ने पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ नगर का निर्माण भी किया था। कौरव वंश के हस्तिनापुर और भगवान कृष्ण के द्वारका का निर्माण भी विश्वकर्मा ने ही किया था। इस दिन विश्वकर्मा देव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। कारोबार में वृद्धि होती है। लेकिन विश्वकर्मा पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
होती है मशीन और औजारों की पूजा
विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) में औजारों और मशीनों की पूजा होती है। इसलिए इस दिन भूलकर भी औजारों और मशीनों का अपमान नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपको विश्वकर्मा भगवान के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है। विश्वकर्मा पूजा वाले दिन आपको उन औजारों की अच्छी तरह से साफ-सफाई जरूर करनी चाहिए जिनका प्रयोग आप रोजाना करते हैं। यदि आपके पास पुराने औजार हैं तो इस दिन उनको बाहर नहीं फेंकना चाहिए।
जरूर करें ये काम
विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) वाले दिन औजारों को पूरी तरह से विश्राम दें। इस दिन आप न तो स्वंय अपने औजारों का इस्तेमाल करें और न हीं किसी और को करने दें। यदि आपकी कोई फैक्ट्री या कारखाना है तो इस दिन आपको विश्वकर्मा पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। पूजा में विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति जरूर रखें। विश्वकर्मा पूजा के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। अपने व्यापार की वृद्धि के लिए आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन निर्धन व्यक्ति और ब्राह्मण को दान अवश्य देना चाहिए।