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लखनऊ की अंडरग्राउंड पार्किंग में 90 लावारिस गाड़ियां मिली पुलिस भी दंग

लखनऊ की अंडर ग्राउंड पार्किंग में 90 लावारिस गाड़ियां मिली 90 unclaimed vehicles in the underground parking of Lucknow

लखनऊ की अंडर ग्राउंड पार्किंग में 90 लावारिस गाड़ियां मिली

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के सरोजिनी नायडू पार्किंग में 90 लावारिस गाड़ियां खड़ी मिली हैं। शहर के सबसे पॉश इलाके हजरतगंज में, जिलाधिकारी आवास के सामने लखनऊ विकास प्राधिकरण की अंडरग्राउंड पार्किंग में लावारिस गाड़ियां मिलने से पुलिस भी चौकन्नी हो गई है।

कारें भी छोटी-मोटी नहीं, बल्कि 30 से 50 लाख तक की कीमत वाली महंगी ऑडी, जीप, बीएमडब्ल्यू और अन्य हैं। यह गाड़ियां कहां से आईं या इनका मालिक कौन है?, इसकी खबर किसी को नहीं है, क्योंकि इन कारों की पार्किंग की पर्ची ही नहीं काटी गई है। मामला सामने आते ही लोग दहशत में आ गए हैं। शक जताया जा रहा है कि शायद यह सारी गाड़ियां चोरी की हैं या फिर किसी आपराधिक गतिविधियों में इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। फिलहाल इस मामले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, हजरतगंज पुलिस और एलडीए अब एक्टिव हो गए हैं।

महीनों से खड़ी हैं दूसरे राज्यों की गाड़ियां

लखनऊ के हजरतगंज इलाके की सरोजिनी नायडू पार्किंग के बेसमेंट-2 में गाड़ियों को बकायदा कवर लगा कर खड़ा किया गया है, ताकि इस पर किसी की नजर न पड़े। गाड़ियां किसकी हैं? यह न लखनऊ विकास प्राधिकरण को पता है और न ही पुलिस को। इन कारों पर दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट भी लगी है, जिससे पता चला है कि गाड़ियां पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों से यहां लाकर खड़ी की गई हैं। इन पर लगी धूल और जालों से पता चलता है कि गाड़ियां कम से कम 6-7 महीने से यहीं खड़ी हैं।

पार्किंग के बेसमेंट-2 में आम नागरिक नहीं जाते, खाली रहता है बेसमेंट-2

पार्किंग के बेसमेंट-2 में अंधेरा रहने की वजह से आमतौर पर लोग यहां कार पार्क करने नहीं आते हैं, बेसमेंट-1 में ही अपनी गाड़ियां लगाते हैं। शायद यही वजह है कि यहां खड़ी हुई लावारिस गाड़ियों पर किसी की नजर नहीं पड़ती और न ही किसी ने इसकी शिकायत की है। अब इन कारों के मालिकों का पता लगाने की केशिश की जा रही है।

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अपराधों में इन कारों के इस्तेमाल की आशंका

बता दें, कुछ समय पहले एक ठेकेदार (जिसके पास पार्किंग का ठेका था) ने यहां कार बाजार लगा दिया था, जिसकी जांच करने पर उसका ठेका निरस्त कर दिया गया। शक जताया जा रहा है कि कहीं उसी ठेकेदार ने फिर यह बाजार लगा दिया हो। इन गाड़ियों के चोरी होने या किसी अपराध में इस्तेमाल होने की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल, एलडीए ने कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट बनाकर पुलिस को सौंपेगी. साथ ही, हजरतगंज पुलिस भी अब एक्शन में आ गई है।

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