सियाराम पांडे ‘शांत’
2017 में सत्ता का लगाम थामते ही योगी सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में ही लघु एवं सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक का फसली ऋण माफ कर दिया था। इस निर्णय से तकरीबन 2.15 करोड़ किसान लाभान्वित हुए। योगी सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने गन्ना किसानों का 1.27 लाख करोड़ रुपए का भुगतान कर उनके चेहरे पर खुशियां बिखेरी। इसके अलावा सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को परंपरागत कृषि की जगह बाजार की मांग के अनुसार खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
चूंकि उत्तर प्रदेश की कृषि सूखा, बाढ़ और ओले के प्रहार से बर्बाद होती रहती है, इसका ध्यान रखते हुए सरकार ने किसानों को फसल बीमा योजना से आच्छादित किया है। अच्छी बात है कि इसके दायरे में बंटाईदारों को भी लाया गया है। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले हर चौथे महीने में दो हजार रुपए का भुगतान को भी सुनिश्चित किया है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। कृषि को मजबूती देने के लिए सरकार ने गोवंश की रक्षा के लिए कानून बनाए और अवैध बुचड़खानों को बंद कराया। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अवकाश में कमी कर शिक्षण कार्य दिवस में वृद्धि की। मदरसों के पाठ्यक्रम में आमूलचुल बदलाव के लिए प्रेरित करने के साथ अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के विवाह के लिए बजट का प्रावधान किया। तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को सरकारी मदद के दायरे में लाया। ये कुछ ऐसे कार्य हैं जो सरकार के चेहरे को मानवीय और संवेदनशील बनाते हैं। एक कृषि प्रधान राज्य के विकास के लिए कृषि के उत्थान के साथ-साथ उद्योग-धंधे और कल-कारखानों का विकास होना भी उतना ही जरुरी है। इस दिशा में सरकार ने पहल करते हुए 2018 में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया।
भाजपा का उद्देश्य प्रदेश में विकास की गंगा बहकर अच्छा बनाना है : डॉ. दिनेश
इस आयोजन में सरकार और औद्योगिक घरानों के बीच कई समझौते। इन्वेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। रेखांकित करने वाला तथ्य यह कि इस आयोजन में प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश के जाने-माने उद्योगपतियों और विदेशी कारोबारियों ने शिरकत की। सुक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कारोबारियों को प्रोत्साहित किया है और उसी का नतीजा है कि जनवरी 2020 तक 16,691.18 करोड़ रुपए लागत की 1,26,321 सुक्ष्म, लघु और मझोले (एमएसएमई) और भारी औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाके बुंदेलखंड में रक्षा औद्योगिक गलियारा प्रस्तावित है जो कि न सिर्फ इस इलाके को दुनिया के नक्शे पर लाएगा बल्कि इसके जरिए मेक इन इंडिया अभियान को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
करीब पांच हजार हेक्टेयर में यह गलियारा छह शहरों लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट में विकसित होगा। योगी सरकार ने इसमें रक्षा से जुड़े उद्योग लगाने वाले निवेशकों को विशेष रियायत देने की पेशकश की है। अच्छी बात यह है कि पांच दर्जन से अधिक कंपनियों ने रक्षा औद्योगिक गलियारा में निवेश करने के लिए अभिरुचि दिखायी है। प्रदेश सरकार ने जन आरोग्य योजना में 6.47 करोड़Þ लोगों को 5 लाख रुपए का बीमा कवर दिया है। इसी तरह मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 42.19 लाख लोगों को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया गया है। आत्मनिर्भर भारत योजना में 1320696 इकाईयों को 43541 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। इसी तरह आत्मनिर्भर भारत योजना में 12949 मीट्रिक टन और प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना में 59 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है। प्रदेश सरकार ने सभी को आवास से संतृप्त करने के लिए 40 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास निर्मित किया है। 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण होने से 10 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। सरकार ने शिक्षा में सुधार के लिए 1.35 लाख सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया है।
धार्मिक पर्यटन स्थलों को रोजगार का बड़ा माध्यम बना रही सरकार : योगी
राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हेतु कानून-व्यवस्था की मजबूती, पर्यटन, निर्यात और रोजगार एक महत्वपूर्ण कारक होता है। कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार का कदम सख्ती भरा है। सरकार ने संगठित अपराध को खत्म किया है। कई दर्जन वांछित अपराधी मारे गए। सरकार दंगे रोकने में सफल रही है। व्यक्तिगत और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अराजक तत्वों से ही क्षति की भरपायी के लिए सरकार ने ‘यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रापर्टी अध्यादेश’ लायी है। सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थानों के विकास के लिए दृढ़संकल्पित है।