हिंदू धर्म में वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत का अत्यधिक महत्व है। यह व्रत प्रत्येक सुहागिन महिला हर साल ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या तिथि को रखती है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत सोमवार 26 मई को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने पति की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं, साथ ही माना जाता है कि इस व्रत से महिला को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यदि आप गर्भवती हैं और इस कठिन व्रत को रखने का मन बना रही हैं, तो अपनी और गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
आइए जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत रखते समय किन पाँच जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
डॉक्टर से सलाह लें
व्रत (Vat Savitri) शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। गर्भावस्था में उपवास करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि यह व्रत आपकी और आपके शिशु की सेहत के लिए सुरक्षित है। बिना डॉक्टर से पूछे व्रत रखने की गलती न करें।
निर्जला व्रत करने से बचें
गर्भवती महिलाओं को निर्जला व्रत यानी बिना पानी के उपवास से बचना चाहिए। इसके स्थान पर आप फलाहार या हल्का सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, जूस या नारियल पानी अवश्य लें ताकि शरीर में ऊर्जा और हाइड्रेशन बना रहे।
हल्का और पौष्टिक भोजन
व्रत के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करें, जैसे साबुदाना खिचड़ी, फल, दही, और मेवे। तामसिक भोजन, जैसे लहसुन, प्याज और मांसाहार, से परहेज करें। भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और विटामिन्स शामिल करें ताकि आपकी और शिशु की पोषण संबंधी आवश्यकताएं पूरी हो सकें।
आराम करें
गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक थकान से बचने के लिए पर्याप्त आराम लेना अति आवश्यक है। पूजा, परिक्रमा या किसी भी अन्य गतिविधि में अत्यधिक थकान न होने दें।
हाइड्रेशन का ध्यान रखें
गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नियमित अंतराल पर पानी, नींबू पानी या नारियल पानी पीते रहें। यह सुनिश्चित करें कि आपको व्रत के दौरान प्यास लगे तो उसे तुरंत दूर करें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।









